Shayari On Judai
काश यह जालिम जुदाई न होती
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती
न हम उनसे मिलते न प्यार होता
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती
जिंदगी में मोहब्बत की जुदाई होती है
कभी कभी प्यार में बेवफाई होती है
हमारी तरफ हाथ बढ़ा के तो देखो
दोस्ती में कितनी सच्चाई होती है
किस्मत पर एतबार किसको है
मिल जाये खुशी का इंकार किसको है
कुछ मजबूरियां है
मेरे दोस्त वरना जुदाई से प्यार किसको है
हर मुलाकात पर वक्तका तकाज़ा हुआ
हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ
सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें
अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
जुदाई शायरी
दोस्तो की जुदाई का गम ना करना
दुर रहो तो भी दोस्ती कम ना करना
अगर मिले जिँन्दगी के किसी मोड़ पर हम
तो हमे देख कर अपनी आँखे बन्द ना करना
हर कदम पे आपका एहसास चाहिए
मुझे आपका साथ अपने पास चाहिए
रब भी रो पड़े हमारी जुदाई से
ऐसा एक रिश्ता ख़ास चाहिए
लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं
आँखे मेरी पढ़ लो कभी
हम खुद कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं
Judai Shayari Hindi
अकेला सा महसूस करो जब तन्हाई में
याद हमारी जब आये तुम्हें जुदाई मे
महसूस करना तुम्हारे ही पास हू मैं
जब चाहे देख लेना मुझे अपनी परछाई में
तुझे चाहा तो बहुत इजहार न कर सके
कट गई उम्र किसी से प्यार न कर सके
तूने माँगा भी तो अपनी जुदाई माँगी
और हम थे कि तुझे इंकार न कर सके
दिल से हमें पुकारा ना करो
यूँ आँखों से इशारा ना करो
तुमसे दूर हैं मजबूरी है हमारी
तन्हाई में हमें यूँ तड़पाया ना करो
याद में तेरी आँहें भरता है कोई
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई
मौत तो सचाई है आनी ही है
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं
गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट
पाने के लिए तरसते हैं
Judai Shayari With Images
हमको ये बताओ दूर कैसे तुम रहते हो
कैसे जुदाई का ग़म यारा तुम सहते हो
हम तनहा मर जाएँगे यारा तेरी याद में
देखो गीले है कितने अशको की बरसात में
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
हर मुलाकात को याद हम करतें हैं
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर
फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं मगर संग बह नहीं सकते
Judai Ni Shayari
प्यार करना हमें भी पसंद है पर जुदाई पसंद नहीं
जुदाई तो सह भी लेता पर बेवफाई पसंद नहीं
अब अगर मेल नही है तो जुदाई भी नही
बात तोड़ी भी नही तुमने बनाई भी नही
युँ तो दुनियाँ का हर गम सहा हँसते हँसते
न जाने क्यों तेरी जुदाई बर्दास्त नहीं होती
जुदा होकर भी जुदाई नहीं होती इश्क
उम्र कैद है प्यारे इसमें रिहाई नहीं होती
Judai Bewafa Shayari
तू क्या जाने क्या है तन्हाई
इस टूटे दिल से पूछ क्या है जुदाई
बेवफाई का इल्ज़ाम न दे ज़ालिम
इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद ना आई
बेवफा वक़्त था तुम थे या मुकद्दर था मेरा
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला
कितनी सुधर गई है जुदाई में जिंदगी
वो बेवफाई करके मुझ पर अहसान कर गया
Judai Ki Shayari
मिलन मुमकिन ही नहीं है तो ना कर जुदाई का ग़म
ज़िंदगी जी ले यार दूर से ही सही
दोस्ती का ये बंधन यादों से ही निभा लेंगे तुम हम
इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
दिल को आता है जब भी ख़याल उनका
तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका
Judai Shayari Image
तुम क्या जानो, तुम क्या समझो बात मेरी तन्हाई की
जब अंगड़ाई पे अँगड़ाई लेती है रात जुदाई की
दिल लेकर मेरा अब जान मांगते है
कैसा संगदिल है सनम मेरा
प्यार सीखा कर वो जुदाई मांगते है
तुझसे जुदा होने का जहर पी लिया यारा मैंने
जैसे था मुमकिन बस फिर भी जी लिया यारा मैंने
ज़िंदगी मे किसी से जुदाई का ज़िक्र मत करना
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना
Love Separation Quotes In Hindi
ना मेरा दिल बुरा था, ना उसमे कोई बुराई थी
सब मुक़द्दर का खेल है बस किस्मत में जुदाई थी
अंगड़ाई पे अँगड़ाई लेती है रात जुदाई की
तुम क्या जानो, तुम क्या समझो बात मेरी तन्हाई की
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब न हो
ये दाग़ वो है कि दुश्मन को भी नसीब न हो
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है
जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है
तेरे ना होने से जिंदगी में बस इतनी सी कमी रहती है
मैं चाहे लाख मुस्कुराऊ इन आँखों में नमी ही रहती हैं
Judai Wali Shayari
हम ने माँगा था साथ उनका वो जुदाई का गम दे गए
हम यादो के सहारे जी लेते वो भुल जाने की कसम दे गए
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर हम उसे अपनी खता कहते हैं
वो तो साँसों में बसी है मेरे जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं
तेरा तो है हिसाब बरसों का मैं तो लम्हों में रोज़ जीता हूँ
हिज्र में है ये ज़िन्दगी गुज़री ग़म जुदाई का रोज़ पीता हूँ
Judai Shayari 2 Line
यूँ लगे दोस्त तेरा मुझ से ख़फ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से ख़ुशबू का जुदा हो जाना
तेरी तस्वीर को सीने से लगा लेती हूँ
इस तरह जुदाई का गम मिटा लेती हूँ
भींगी पलकों से छुप छुप के बिदाई दी हैं
उफ् खुदा कैसी तुमने यह जुदाई दी हैं
किसने माँगी थी इन आँखों से रिहाई
जाने किस ज़ुर्म की सज़ा है ये जुदाई
Judai Shayari Hindi Mai
कलम में जितना दम है जुदाई की बदौलत हैं
वरना लोग मिलने के बाद लिखना छोड़ देते हैं
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं
धमकियाँ देते हो जुदाई की
उफ्फ मुहोब्बत में बदमाशियाँ
कोई रूठे अगर तुमसे तो उसे फ़ौरन मना लेना
इस हाल में अक्सर जुदाई जीत जाती है
कभी कभी तो ये दिल में सवाल उठता है
कि इस जुदाई में क्या उस ने पा लिया होगा
Lambi Judai Shayari
जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं
जुदाई की ये गर्म रातें अब हमें नहीं सुहाती
कभी यूं भी हो कि सर्द रात हो और हम फिर करीब हो
उन्हें अपनी मोहब्बत पे हे गुरुर तो
हमे भी तो अपनी मोहब्बत पे हे नाज
जुदाई में भी कभी बदलेगा नही
हमारी चाहत का अंदाज
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई मे
ख़ुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ
उसने सदियों की जुदाई दी है
इस जुदाई में तुम अंदर से बिखर जाओगे
किसी माज़ूर को देखोगे तो याद आऊँगा
तेरी चाहत में, तेरी मुहब्बत में, तेरी जुदाई में
दिल रोज़ टूटता है पर आवाज नहीं करता
Judai Dard Shayari
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
हमें ये मोहब्बत किस मोड़ पे ले आई
दिल में दर्द है और ज़माने में रुसवाई
कटता है हर एक पल सौ बरस के बराबर
अब मार ही डालेगी मुझे तेरी जुदाई
उसकी जुदाई को लफ़्ज़ों में कैसे बयान करें
वो रहती दिल में धड़कती दर्द में और बहती अश्क में
मुझसे अलविदा कहते हुए
मैंने जब उससे पूछा के कोई निशानी दे दो
वो मुस्कुराते हुए बोली जुदाई ही काफी है
मुझे तुम्हारी जुदाई का कोई रंज़ नहीं
मेरे खयाल की दुनिया में मेरे पास हो तुम
मिटा ना पाओगे मेरे निशां दिल से
वस्ल से जुदाई तक बेशुमार हूँ मैं
मोहब्बत और भी बढ़ जाती है जुदाईयोँ से
तुम सिर्फ मेरे हो हमदम इस बात का ख्याल रखना
जुदाई हल नही है मसलों का
तुम समझते क्यूँ नही बात मेरी
गज़ल में गीत में दोहे में और रुबाई में
कहां कहां नही ढूंढा तुझे जुदाई में
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है
एक लफ्ज़ है खुदा उसे पुकार कर तो देखो
सब कुछ पा ना लो तो कहना
बेताब मै ही नही दर्द-ए-जुदाई की कसम
रोते तुम भी होंगे करवट बदल बदलकर
इक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है
जिन को न सह सके ये दिल ऐसे तो गम नहीं मिले
जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले
इक तेरे इश्क का पी चुके हैं
दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं
इतना बे-ताब न हो मुझ से बिछड़ने के लिए
तुझ को आँखों से नहीं दिल से जुदा करना है
Judai Status
जुदाई सहने का अंदाज कोई मुझसे सीखे
रोते है मगर आँखों में आँसूं नहीं होते
उस शख्स को जुदा होने का सलीका नहीं आता
जाते जाते खुद को मेरे पास छोड़ गया
तूमको ही सहना है गम जुदाई का
मेरा क्या है मैं तो मर जाऊंगी
तेरी जुदाई में और तो कुछ ना हो सका
बस मोहब्बत से नफरत हो गयी
दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है
जिस तरह साया-ए-दीवार से दीवार जुदा
काश तेरी जुदाई की कोई सरहद होती
पता तो रहता अभी कितना सफर और तय करना है
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़़ी हमे
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं
ग़म अज़ीज़ों का हसीनों की जुदाई देखी
देखें दिखलाए अभी गर्दिश-ए-दौराँ क्या क्या
वादा किया है तो निभाएगे
सूरज की किरण बनकर तेरी छत पर आएगे
हम है तो जुदाई का गम कैसा
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएगे
अगर जुदाई जरुरी है तो बेशक रुठ जाओ
तुम जी सकते हो तो मर मैं भी नहीं जाऊँगा
मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले
तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
जुदा होकर भी जी रहे हैं एक मुद्दत से
कभी दोनों ही कहते थे जुदाई मार डालेगी
वो कभी हमसे पुछा करते थे जुदाई क्या है
आज समझ आया है सवाल उनका
जुदा थे हम तो मयस्सर थीं क़ुर्बतें कितनी
बहम हुए तो पड़ी हैं जुदाइयाँ क्या क्या
हालात ने किसी से जुदा कर दिया मुझे
अब ज़िंदगी से ज़िंदगी महरूम हो गई
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें
जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं
सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते
Sad Love Shayari
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो
रूह को जिस्म से लेने फ़रिश्ते नहीं आते
जब मैंने कहा तुम्हारी जुदाई बर्बाद कर देगी मुझे
तो उसने बड़े तल्ख़ लहज़े में कहा
बर्बाद हज़ारो है एक तुम भी सही
गम-ए-जुदाई में तड़पते उनकी आँखों से पूछा
कुछ कहना है ? उसने झपक झपक के कहा
नहीं अब तो बस बहना है
हम आशिक जुदाई के गिरने भी नहीँ देते
बेचैन सी पलकोँ पर मोती से पीरोते हैँ
रब किसी को किसी पर फ़िदा न करे
करे तो क़यामत तक जुदा न करे
ये माना की कोई मरता नहीं जुदाई में
लेकिन जी भी तो नहीं पाता तन्हाई में
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है
एक लफ्ज़ है जुदाई, इसे सह कर तो देखो
तुम टूट के बिखर ना जाओ तो कहना
यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर
इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ
जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई
कहते हैं करम आपके खराब थे जो जुदाई मिली
बिछड़ते बिछड़ते पलट कर उसने सौ बार देखा
जुदाई की सारी रस्में निभाती गई वो
जुदाई मोहब्बत मे जरुरी है
तभी तो पता चलता है की कौन किस के
बिना कब तक जुदा रह पाता है
क़हर है तेरी जुदाई
पर अपना दिल भी अब पत्थर हो चला है
ख़ुश्क ख़ुश्क सी पलकें और सूख जाती हैं
मैं तिरी जुदाई में इस तरह भी रोता हूँ
जुदा हो कर भी जी रहें हैं एक मुद्दत से
कभी दोनों कहते थे जुदाई मार डालेगी
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी
पर ये तो तय है तेरी जुदाई से बेहतर होंगी
लाएँगे कहाँ से हम जुदाई का हौसला
क्यों इस क़दर मेरे करीब आ रहें हैं आप
मुझे महसूस हुआ दर्द ए जुदाई क्या
मैने एक फूल जो टहनी से बिछड़्ते देखा
कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारी बिन
उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है
Sad Quotes On Separation
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है
जिंदगी मोहताज नहीं मंज़िलों की
वक्त हर मंजिल दिखा देता है
मरता नहीं कोई किसी की
जुदाई में वक्त सबको जीना सिखा देता है
तेरी चाहत में, तेरी मुहब्बत में, तेरी जुदाई में
कोई रोज़ टूटता है पर आवाज नहीं करता
बेवफ़ा मैं था वक़्त था या मुक़द्दर था,
बात जो भी थी अंजाम जुदाई निकला
जुदाइयों के ज़ख़्म दर्द-ए-ज़िंदगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
ऐ चाँद चला जा क्यूँ आया है तू मेरी चौखट पर
जुदा गया वो शख्स जिस के धोखे मे तुझे देखते थे
इस मेहरबाँ नज़र की इनायत का शुक्रिया
तोहफ़ा दिया है ईद पे हम को जुदाई का
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश है
मोहब्बत रब से हो तो सुकून देती हैं
न खतरा हो जुदाई का न डर हो बेवफाई का
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