लस्सी पर शायरी
आज मिली है छुट्टी, चलो गुफ्तगू हो जाए
बैठो मेरे सामने, एक एक लस्सी हो जाए
कसम से जब-जब तुम
सज धज के सामने आती हो
मई की जलती गर्मी में भी
लस्सी सी ठंडक दे जाती हो
मैं कोकोकोला से काला हु
तुम लस्सी जैसी गोरी प्रिये
शहरों की इन्द्रपरी तुम
मैं गाँव का देशी छोरा प्रिये
जब लेते हैं वो चाय की चुस्कियाँ
हम लस्सी की घूँट पिया करते हैं
लोग तो सिर्फ एक ज़िन्दगी जी रहें हैं
हम तो हर पल में जिंदगी जी लिया करते हैं
छोड़ो चाय सिगरेट की दीवानगी मेरे भाई
लस्सी की मूंछें आपके चेहरे पर
मुस्कुराहट ना खींच दे तो कहना
वो चाय की दीवानी है
हम लस्सी के आशिक
और कमबखत कुछ लोगों ने
चाय वर्सेस लस्सी बना डाली
हमें चाय वाली भी पसंद है
और हमारी लस्सी भी
ओ! चाय के दीवानों...
कभी फुर्सत से बैठकर
लस्सी भी चख लो यार 😋
Lassi Status
मीठी अजीब ओर लजीज़ थी लस्सी
तुमने होंठों से लगा कर चासनी बना दिया
यह जो आजकल दारू-सुट्टा पीने वाले लौंडे हैं
क्या जाने मीठी लस्सी का नशा क्या होता है
जून की गर्मी में वो ठंडक भी बड़ी अच्छी थी
वो कोई कोल्डड्रिंक तो नहीं पर
कुल्हड़ वाली लस्सी थी
तुम कोकाकोला से काले मैं लस्सी जैसी गोरी हुं
शहरों के धुल-धड़ाका तुम, मैं गांव की देशी छोरी हुं
तुम लाप्लास के theorem हो मैं दो अंको की जोड़ प्रिये
मुश्किल है अपना मेल प्रिये ये प्यार नहीं है खेल प्रिये
एक फीकी लस्सी पीनी है..
तुम्हारी मीठी बातों के साथ..
अर्ज किया है
लगता है हो गई है जिंदगी हमारी लस्सी जैसी
खुशियां है हमारी उसके ऊपर मलाई जैसी
बाकी गम को भी खुशी-खुशी पीना पड़ता है
मिठास के साथ खटास का भी मजा लेना पड़ता है
Lassi Shayari
क्या तुम बचपन से ही इतनी अच्छी हो
इंसान ही हो ना या मीठी लस्सी हो
सवाल सीधा सा है
गर्मी में चाय ठंडी और लस्सी
गरम क्यों हो जाती है😛
बिना किसी साज के
संगीत कैसे बज जाता है
जिसको देखा ही नही,
वो कैसे याद आता है ?
जब भी कलम उठाओ,
कागज़ पर फिसल कैसे जाता है
तेरे प्यार में हम इस कदर खो जाएं
की समुंदर का नमकीन पानी भी
मेरे लिए तेरे हाथों की
खट्टी मीठी लस्सी बन जाए
ਓਹ ਲੱਸੀ ਲੈਣ ਆਇਆ ਸੀ
ਲੱਸੀ ਕਰਾ ਕੇ ਤੁਰ ਗਿਆ 😉
तेरे हाथों दी लस्सी पी कर मेनु ते फस्सी
मेनू आने लगी मजनु दी शायरी
तेनु समझे मेरे गल्ले दी डायरी
फिर न कोई ठोक दे, दो ताली
Lassi Quotes
न Ex अच्छी ना Crush अच्छी
मुझे तो प्यारी ठंडी मीठी लस्सी
ਸ਼ਰਾਬ ਸਵਾਦ ਇਕ ਪਾਸੇ
ਤੇ ਤੇਰੇ ਹੱਥਾਂ ਦੀ ਲੱਸੀ ਇਕ ਪਾਸੇ
"प्यार में शर्त" कुछ ऐसी होती है
मानो शराब में लस्सी,
नशा चढ़ता तो है मगर उतरने के लिए
मेरी कहानी तुमसे है पुरानी
सुन ले मेरी रानी
मेरी क्यों बढाये परेशानी
बनजा मेरी रानी
लालमन लस्सी की दीवानी
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