Khidki Shayari
तुमने खिड़की से चांद देखा है पर
हमने तो खिड़की पर चांद देखा है
रेलगाड़ी की खिड़की की से झांकता यात्री हूं मैं
दूर आकाश में चमकते चांद हो तुम
मैं तो चल रहा हूं, कहीं जाने को पर
साथ क्यूं चल रहे हो, तुम ?
दिल की खिड़की से बाहर देखो ना कभी
बारिश की बूँदों सा है एहसास मेरा
मेरा दिल कोई खिड़की नहीं
जो हर कोई जब चाहे झांक लेगा
यह तो एक दरवाज़ा है जानम
जो बस तेरे नाम से खुलेगा
आ रहे हो तो, दिल के दरवाजे और
खिड़कियां खोल के आना
तुम रहोगे दिल में मेरे और
तेरा दिल हीं होगा अब मेरा ठिकाना
खिड़की शायरी
खुली खिड़की हल्की सी बरसात हो
एक चाय की प्याली और एक तुम साथ हो
खिड़की दिल की खोल रखी है
नई हवाओं का इंतज़ार है
तुम्हारी मोहब्बत का कोई पैगाम मिले
इसी चाहत में दिल बेकरार है
उस गली कि वो खिड़की
जो उस गली कि सबसे प्यारी खिड़की थी
उसने खिड़की खोल के देखना भी
मुनासिब ना समझा
जिसकी एक झलक पाने को
हम सारी रात भीगते रहे
Funny Khidki Status
पता नहीं वो कौन लोग हैं
जिनकें सामने वाली खिड़की में
चाँद का टुकड़ा रहता है..
हमारें यहाँ तो
एक मोटी सी भैंस रहती हैं..😜😂
हवा चली है तेरे इश्क़ की
तभी तो यादों की खिड़की खुली है
दरवाजो पर बहुत गुऱूर है
कुछ पुरानी हवेलियो को
रोशनी मगर
नज़रअंदाज खिड़कियों से ही आती है
ये बंद खिड़कियां ये चार दिवारी
जानती हैं हर एक दास्तां हमारी
बड़े से घर में एक छोटी सी खिड़की
बहुत मायने रखती है
बस यही मायने हैं
तुम्हारे मेरी ज़िन्दगी में
Window Quotes In Hindi
खिड़की से हमारी परछाई नही हटती
और दरवाज़े पर उनकी परछाई नही पड़ती
दो खिड़कियों से झांकती है
ये रूह भी ना
कोशिशें तमाम करती है अज़ादी की।
मैं झाँकता हूँ ख़ुद के अंदर
मुझे सब सवाल दिखते हैं
मैं ताकता हूँ खिड़की से बाहर
मुझे सारे जवाब मिलते हैं
उस कमरे का दरवाजा कहाँ हैं
जिसकी खिड़की से दुनिया और
जिंदगी खूबसूरत दिखाई देती हैं
वो कोने वाली खिड़की अच्छी लगती है
जिसमें तू हस्ती अच्छी लगती है
मै जैसा हूँ वेसा मुझको रहने दे
तू जैसी है वेसी अच्छी लगती है
बंद पड़ी खिड़की को एक दिन तुम भी देखोगे
मैं ना रहूंगा वहां तो तस्वीर मेरी देखोगे
मेरी खिड़की के सामने
कबूतर का जोड़ा रहता है
तुम समझो ना जरा
मुझे तुम्हारे बगैर कैसा लगता है
Best Captions For Window
चाँद खिड़की से झाँका और बोला
ये किसके ख़्वाब ओड़े सो रहे हो ?
मैं हर शाम खोल देता हूं
अपने कमरे की खिड़कियाँ
मेरा दर्द मुझ से मिलने आता है
खिड़की पर आ कर ताना दे गया
मैं तेरे चाँद सा बेवफा नहीं
आज आई बारिश तो
याद आया वो जमाना,
वो तेरा खिड़की पे खड़े रहना और
मेरा सड़कों पे आना
उनके खिड़की की जालें बता रही है
हम उनके गली से गुजरना क्या बंद किये
वो भी खिड़की पे आना बंद कर दिए
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