Khuda Shayari

Khuda Aur Fakir Qismat Lakeer Takdeer Shayari

फर्क होता है खुदा और फ़क़ीर में
फर्क होता है किस्मत और लकीर में
अगर कुछ चाहो और न मिले तो समझ लेना
कि कुछ और अच्छा लिखा है तक़दीर में


हर फूल आपको एक नया अरमान दे सूरज की हर किरण आपको सलाम दे निकले कभी जो एक आँसू भी आपकी तो खुदा आपको उससे दुगनी मुस्कान दे

हर फूल आपको एक नया अरमान दे
सूरज की हर किरण आपको सलाम दे
निकले कभी जो एक आँसू भी आपकी
तो खुदा आपको उससे दुगनी मुस्कान दे


किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तेहाँ कर दो
लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो
मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर इतना
कि अपनी वफाओं से उसको बेवफा कर दो

आप दोनों की जोड़ी कभी ना टूटे
खुदा करे आप एक दूसरे से कभी ना रूठे
यूँ ही एक होकर आप जिन्दगी बिताएं
आप दोनों से खुशियों के एक पल भी न छूटे

खुदा पर शायरी


खुदा की कसम तुम बहुत खुबसूरत हो
दुनिया की नज़र से खुद को बचा लो
काजल का एक टिका तुम्हारे लिए कम है
एक काला तवा अपने गले में लटका लो

हमें इस चिस्त से उम्मीद क्या थी और क्या निकला
कहाँ जाना हुआ था तय कहाँ से रास्ता निकला
खुदा जिनको समझते थे वो शीशा थे न पत्थर थे
जिसे पत्थर समझते थे वही अपना खुदा निकला

खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा
तो खुद आज़माया होगा
हमारी तो औकात ही क्या है
इस इश्क़ ने खुदा को भी रुलाया होगा

खुदा का दूसरा रूप है माँ
ममता की गहरी झील है माँ
वो घर किसी जन्नत से कम नहीं
जिस घर मे खुदा की तरह पूजी जाती है माँ

Khuda Ki Ibadat Shayari


कहते हैं लोग खुदा की इबादत है
ये मेरी समझ में तो एक जहालत है
चैन न आए दिल को रात जाग के गुजरे
जय बताओ दोस्तों क्या यही मोहब्बत है

Khuda Ki Ibadat Shayari खुदा से प्यारा कोई नाम नहीं होताउसकी इबादत से बड़ा कोई काम नहीं होतादुनिया की मोहब्बत में है रुसवाईयां बड़ीपर उसकी मोहब्बत में कोई बदनाम नहीं होता

खुदा से प्यारा कोई नाम नहीं होता
उसकी इबादत से बड़ा कोई काम नहीं होता
दुनिया की मोहब्बत में है रुसवाईयां बड़ी
पर उसकी मोहब्बत में कोई बदनाम नहीं होता


मैं अपनी इबादत खुद ही कर लूँ तो क्या बुरा है ?
किसी फकीर से सुना था मुझमें भी खुदा रहता है

इश्क महसूस करना भी इबादत से कम नहीं
ज़रा बताइये छू कर खुदा को किसने देखा है

इतना आसान नहीं खुदा की इबादत करना
दिल से गुरुर जायेगा तभी तो नूर आयेगा

Khuda Ki Ibadat Shayari जुबानी इबादत ही काफी नहींखुदा सुन रहा है खयालात भी

जुबानी इबादत ही काफी नहीं
खुदा सुन रहा है खयालात भी


सारे ही काम ज़रूरी थे ज़िन्दगी में और होते भी गए
एक खुदा तेरी इबादत ही थी जो हर बार टलती गयी

Khuda Salamat Rakhe Shayari

Amanat Khuda Salamat Rakhe Shayari या मेरे खुदा अपनी ज़मानत में मेरी अमानत रखनामै सलामत रहूँ या न रहू मेरी मोहब्बत को सलामत रखना

या मेरे खुदा अपनी ज़मानत में मेरी अमानत रखना
मै सलामत रहूँ या न रहू मेरी मोहब्बत को सलामत रखना


खुदा सलामत रखना उन्हें जो हमसे नफरत करते हैं
प्यार न सही तो नफरत ही सही
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं

खुदा करे सलामत रहें दोनों हमेशा
एक तुम और दूसरा मुस्कुराना तुम्हारा

आय खुदा मेरा हौसला सलामत रखना
उसकी मोहब्बत ने मेरा ज़ब्त आज़माया है

Khuda Ki Rehmat Shayari

Khushnaseeb Tamanna Dost Khuda Ki Rehmat Shayari

ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमत का
हमने खुद को खुशनसीब पाया
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की
खुदा खुद दोस्त बन के चला आया


दुनिया कि सारी खुशियाँ मिले आपको
खुदा से रहमत और प्यार मिले आपको

खाक मुझ मैं कमाल रखा है
ऐ खुदा तू ने संभाल रखा है
मेरे ऐबो पर डाल कर पर्दा
मुझे अच्छों मैं डाल रखा है
अपने दामन से करके वाबस्ता
हर मुसीबत को टाल रखा है
मैं तो कब का मिट गया होता
तेरी रहमतो ने पाल रखा है

तेरी रहमत भी मोहताज़ है मेरे गुनाहों की
मेरे बिना तू भी खुदा हो नहीं सकता

चढ़ते हुए सूरज को ढलते देखा
बुझते हुए दिए को जलते देखा
हीरे का जहा कोई मोल नहीं पाया
वहा खोते सिक्के को चलते देखा
जिनका इस दुनिया में कोई नही होता
उनको भी हर मुश्किल से लड़ते देखा
खुदा की रहमत बरसती है सब पर
उसके बंदों को पानी पर चलते देखा

आज फिर से छाए हैं उनकी रहमत के बादल
किस्मत में भीगना लिखा है या तरसना खुदा जाने


खुदा की रहमत में अजियाँ नहीं चलतीं
दिलों के खेल में खुदगरजियाँ नहीं चलती
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर
इश्क़ की राह में मनमरजियाँ नहीं चलतीं

खुदा की रहमत सारे संसार पे बरसे
मेरे हिस्से की खुशी मेरे जान पर बरसे
ऐ खुदा मुझे बना देना पानी
जब कभी मेरी जान प्यास को तरसे

Khuda Par Bharosa Shayari

Khuda Par Bharosa Shayari जिंदगी बहुत खूबसूरत है जिंदगी से प्यार करोअगर हो रात तो सुबह का इंतजार करोवो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतजार हैबस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर एतबार करो

जिंदगी बहुत खूबसूरत है जिंदगी से प्यार करो
अगर हो रात तो सुबह का इंतजार करो
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतजार है
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर एतबार करो


खुदा पर भरोसा रखो
वो तुम्हे मुश्किल से आजाद करेगा
थोड़ा वक्त दो
वो तुम्हे नाराज नही करेगा

Khuda Par Bharosa Shayari भरोसा खुदा पर है तो जो लिखा हैतकदीर में वो ही पाओगेमगर भरोसा अगर खुद पर है तोखुदा वही लिखेगा जो आप चाहोगे

भरोसा खुदा पर है तो जो लिखा है
तकदीर में वो ही पाओगे
मगर भरोसा अगर खुद पर है तो
खुदा वही लिखेगा जो आप चाहोगे


Khuda Hafiz Shayari

Kashti Pyar Duniya Khuda Hafiz Shayari

मैं तो तेरी कस्ती में चला था
प्यार में तेरे दुनिया भुला था
कर के मुजपे खुशियों की बारिश
आज तूने ही कह दिया खुदा हाफिज़


कास के तुझे में ना मिला होता
वक्त यू तेरा बर्बाद ना हुआ होता
भुला के सब लम्हो की यादें
आज तूने ही कह दिया खुदा हाफिज़

अभी आकर खुदा हाफिज़ कह गयी वो
प्यार मे मेरे कुछ इस तरह बेह गयी वो
नींद मेरे बिन उससे भी आती नही
दर्द सीने मे ये दबाकर सेह गयी वो

तेरे अपनों में मुझे बुला के
तूने ही की थी मेरे दिल से साजिश
सात जनम्मो का सपना दिखा के
आज तूने ही कह दिया खुदा हाफिज़

Khuda Ki Shayari


तुझमे और खुदा में एक बात मिलती है
वो भी नहीं मिलता है तू भी नहीं मिलती है

कभी खुदा तो कभी क़ातिल बना देता है
ये वक़्त है जनाब जो हर रंग दिखा देता है

सर गिरे सजदे में दिल में दग़ा-बाज़ी हो
ऐसे सजदों से भला कैसे खुदा राज़ी हो

नजर नमाज नजरिया सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क हुआ और मेरा खुदा बदल गया

फितूर होता है हर उम्र में जुदा-जुदा
खिलौना, इश्क़, पैसा, ख्याति फिर खुदा-खुदा

Khuda Shayari 2 Lines


खुदा के पास देने के तो हजार तरीके है
मांगने वाले तू देख तुझ में कितने सलीके है

खुदा को दोष देना समझ नहीं आया है आज़तक
हम इंसान खुद को ही नहीं समझ पाया है अबतक

मेरा हौंसला जमाने से जुदा है
मैं क्यों डरूं जब मुझमें खुदा हैं

तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक
मैं माँग के आऊँ खुदा से तुमको जब तक

खुदा जाने प्यार का दस्तूर क्या होता है
जिन्हें अपना बनाया वो न जाने क्यों दूर होता है

खुदा ने बड़े अजीब से दिल के रिश्ते बनायें हैं
सबसे ज्यादा वही रोया जिसने ईमानदारी से निभाये है

ना तू खुदा न मेरी बंदगी वैसी
सबकी कहानी है तेरे मेरे जैसी

उस वक़्त तो खुदा भी सोच में पड़ गया
जब मैंने इश्क़ और सुकून दोनों साथ में माँग लिया

झूठ, लालच और फरेब से परे है
खुदा का शुक्र है आइने आज भी खरे है

Khuda Shayari In Hindi


नजर, नमाज, नजरिया, सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क़ हुआ, और खुदा बदल गया

क्या बताये मेरे लिए क्या हो तुम
खुदा का डर है वर्ना खुदा हो तुम

रजामंदी मे भी खिलाफत जरा सी बाकी है
तुम्हारे खुदा से मेरा कुछ हिसाब बाकी है

वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो

सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी अदा मत बदल
यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार खुदा मत बदल

मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना
अच्छा नही इतना बड़ा हो जाना

अगर गम मोहब्बत पे हावी न होता
तो खुदा की कसम मैं सराबी ना होता

खुदा अबके जो मेरी कहानी लिखना
बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना

Shayari On Khuda

Shayari On Khuda जब मुझे यकीन है की खुदा मेरे साथ हैइससे कोई फर्क न पड़ता कि कौन कौन मेरे खिलाफ है

जब मुझे यकीन है की खुदा मेरे साथ है
इससे कोई फर्क न पड़ता कि कौन कौन मेरे खिलाफ है


भींगी पलकों से छुप छुप के बिदाई दी हैं
उफ् खुदा कैसी तुमने यह जुदाई दी हैं

बेहिसाब झूठ कहा तो खुदा मान बैठे
जरा सा सच बोल दिया बुरा मान बैठे

मुझ में नही खुदा में भी फर्क है
एक रास्ते पे रखा है एक महंगे पत्थरो में दर्ज है

निगाहें नाज़ करती है फ़लक के आशियाने से
खुदा भी रूठ जाता है किसी का दिल दुखाने से

वो बुढ़ापे मे रिक्शा खींच रहा था
और खुदा औलाद देकर शर्मिंदा हो रहा था

न था कोई हमारा न हम किसी के हैं
बस एक खुदा है और हम उसी के हैं

जाने कितनी परियों ने मिल अर्जिया दी थी
तब खुदा ने दुनिया को ये बेटियाँ दी थी

नही मांगता ए खुदा की जिंदगी 100 साल की दे
दे भले चंद लम्हो की मगर कमाल की दे

ये रात कितनी तमन्ना साथ लायी है
गज़ब खुदा का सितमगर को नीँद आयी है

मिल के भी तुम ना मिले बिछड़े भी तो जुदा ना हुए
हम भी इंसा ही रहे तुम भी तो खुदा न हुए

मत सोचना मेरी जान से जुदा है तू
हकीकत में मेरे दिल का खुदा है तू

Khuda Aur Mohabbat Shayari

Khuda Aur Mohabbat Shayari मोहब्बत हो और महबूब पास न होऐ खुदा ये जुल्म कभी किसी के साथ न हो

मोहब्बत हो और महबूब पास न हो
ऐ खुदा ये जुल्म कभी किसी के साथ न हो


ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है
उसी खुदा ने मुझ को भी मोहब्बत दी है

खुदा करे के मोहब्बत मे वो मकाम आये
मेरे लबो पे हमेशा सनम आपका ही नाम आये

खुदा ने पूछा क्या सजा दूँ उस बेफ़वा को
दिल से आवाज़ आई मोहब्बत हो जाये उसे भी

साजिशे उस खुदा की देखो तो जरा
मुझे खुश देखकर मोहब्बत में फसा दिया

मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो
मिटटी के खिलौनों से कभी वफ़ा नहीं मिलती

साजिशे उस खुदा की देखो तो जरा
मुझे खुश देखकर मोहब्बत में फसा दिया

Aye Khuda Shayari

Aye Khuda Shayari नहीं मांगता ऐ खुदा की जिंदगी सौ साल की देदे भले चंद लम्हों की लेकिन कमाल की दे

नहीं मांगता ऐ खुदा की जिंदगी सौ साल की दे
दे भले चंद लम्हों की लेकिन कमाल की दे


ऐ खुदा मेरे दोस्त की जिंदगी में खुशियों के रंग भर दे
है गम उसकी जिंदगी में जो वो मेरे नाम कर दे

Aye Khuda Shayari जब सब तेरी मर्जी से होता है तो ऐ खुदाये बन्दा गुनहगार कैसे हो गया

जब सब तेरी मर्जी से होता है तो ऐ खुदा
ये बन्दा गुनहगार कैसे हो गया


ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है

आइना कोई ऐसा बना दे ऐ खुदा जो
इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे

ऐ खुदा लाखो हसीनायें तेरे दर पर फरियाद करती है
सलामत रखना उनके प्यार को जो फौजियो से प्यार करती है

मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगूगा ऐ खुदा
तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे पसंद नही

Khuda Shayari Image


तेरी मुहब्बत के साए में जिंदा हैं हम तो
तुझे खुदा का दीया हुआ तावीज मानते हैं

सारे फैसले खुदा के
फिर गलतियाँ मेरी कैसे

मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको
जिसने जर्रे जर्रे में क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको

मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से
अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है

जहर पीने से कहाँ मौत आती है
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए ?

किसका वास्ता देकर मैं रोकता उसे
खुदा तक तो मेरा बन चूका था वो

मसरूफ़ थे सब अपनी ज़िन्दगी की उलझनों में
जरा सी ज़मीन हिली सबको खुदा याद आने लगा

खुदा की मोहब्बत का अंदाज़ भी कमाल का है
सब कुछ दे कर भी कहता है
है कोई मांगने वाला

मुझे भी बना दे ऐ खुदा दिल तोड़ने वाला
कब-तक वफा करूँगा बेवफाओ के शहर मे

अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख
इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है

मेरे सजदों में कमी तो ना थी ऐ खुदा
क्या मुझसे भी ज्यादा किसी ने माँगा था उसे

Shayari On Khuda Se Dua

Shayari On Khuda Se Dua आँसू वो खामोश दुआ है जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है

आँसू वो खामोश दुआ है
जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है


नीचे आ गिरती है हर बार दुआ मेरी
पता नहीं कितनी ऊचाई पर खुदा रहता हैं

वो जो दूसरो के लिए दुआ करता है
दुआएँ खुद उसकी खुदा करता है

वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती
ऐ खुदा सुना है कि उनके तो कान होते है

मैं वो काम नहीं करता हूँ जिसमे खुदा मिले
में बस वो करता हूँ जिसमे दुनिया की दुआ मिले

एक बार भूल से ही कहा होता की हम किसी और के भी है
खुदा कसम हम तेरे साये से भी दूर रहते

खूदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है
हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे

जोड़ी भी खूब बनाई थी उस खुदा ने
वो मासूम सी लड़की और मैं शायर बदनाम

अब तो है इश्क़-ए-बुताँ में ज़िंदगानी का मज़ा
जब ख़ुदा का सामना होगा तो देखा जाएगा

कितने अजीब इंसान है तेरी दुनिया मेँ ऐ खुदा
शौक ऐ मोहब्बत भी रखते है और याद तक नहीँ करते

मत करवाना इश्क़ ए दस्तूर हर किसी को ए खुदा
हर किसी में जीते जी मरने की ताक़त नही होती

अजीब खुदा है इश्क़ का बिना मांगे प्यार पकड़ा देता है
और फिर मांगने से यार भी नहीं देता

यंकी का कोई अलग से खुदा नही होता
झूठ के लिए रियायते भी लड़ जाती है

Hindi Quotes On God


आता है जो तूफ़ाँ आने दे कश्ती का ख़ुदा ख़ुद हाफ़िज़ है
मुमकिन है कि उठती लहरों में बहता हुआ साहिल आ जाए

मत कर इतना ग़रूर अपने आप पर
पता नहीं खुदा ने तेरे जैसे कितने बना कर मिटा दिए

हर जगह जाके झुकाया नही है सर हमने
जो खुदा है उसे ही हमने खुदा रक्खा है

कितने अंदाज से किया उसने नज़र अंदाज
ए खुदा उसके इस अंदाज को नज़र ना लगे

खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र–ए–रोजी में
तलाश रिजक की है राजिक का ख्याल नहीं

हे भगवान प्लीज मेरे दुश्मनों को मेरी सफलता
देखने के लिए लंबी उम्र देना

कमियों की गिनती जिस तरह करते है वो
इंसान हो कर भी आप खुदा बन बैठे हो जैसे

देता सब कुछ है खुदा हमें
पर जिसे चाहो उसे छोड़कर

हर किसी को नही देता वो मोहब्बत का हुनर
खुदा नही चाहता हर किसी का खुदा होना

कभी खुद से कभी खुदा से शिकायत करते हैं हम
किस कम्बखत ने कोनसी किताब के
किस पन्ने पे मोहब्बत का नाम जन्नत रख दिआ

मैंने अपने आप को हँमेशा बादशाह समझा
पर तुझे खुदा से माँगा अकसर फकीरों की तरह

खुदा जाने तुमने किस अन्दाजे-नजर से देखा है
कि मुझको जिन्दगी अब जिन्दगी मालूम होती है

गिरते रहे सजदों में हम अपनी ही हसरतों की खातिर
अगर इश्क़-ऐ खुदा में गिरे होते तो कोई हसरत अधूरी ना होती

मुझे जरूरत नहीं इंसानों की
जो मतलब के लिए साथ हो
मैं खुश हूं अपने खुदा के साथ
जो बिना मतलब के मेरे साथ है

बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता

तु नाराज न रहा कर तुझे खुदा का वास्ता
इक तेरा चेहरा देखकर ही हम अपना गम भुलाते है

मिसाल उसकी क्या देगा ज़माना
जिसे खुदा भी खुद लाजवाब कहता है

मशरूफ थे सब अपनी जिंदगी की उलझनों में
ऐ दोस्त ज़रा सी जमींन क्या हिली
सबको खुदा याद आ गया

ज़रा ये धूप ढल जाए तो उनका हाल पूछेंगे
यहाँ कुछ साए अपने आपको खुदा बताते हैं

सलीका ही नही शायद उसे महसूस करने का
जो कहता है खुदा है तो नज़र आना ज़रूरी है

खुदा ने सब्र करने की तौफ़ीक़ हमें बख्शी है
अरे जी भर के तड़पाओ शिकायत कौन करता है

कुछ तुम, कुछ तुम्हारा अंदाज़ ए गुफ्तगू
मुझे तबाह कौन करेगा खुदा ही जाने

Khuda Ke Liye Shayari


हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है

ज़रुरत भर का तो खुदा सबको देता है
परेशां है लोग इस वास्ते कि बेपनाह मिले

दोस्ती खुशी है दोस्ती दुआ है
दोस्ती अहसास है दोस्ती खुदा है

मुझे सिर्फ ज़रूरतों में याद मत किया करो
ग़लतफहमी हो जाती है कहीं मैं खुदा तो नहीं

खुदा तूने तो लाखों की तकदीर संवारी है
मुझे तसल्ली तो दे के अब मेरी बारी है

मंदिर-मस्जिद सब नाम के हैं
खुदा से रूबरू होना है तो इश्क़ कर

खुदा की इनायत है जो हमे मिलया है मगर
हम अब तक साथ है ये मोहब्बत है हमारी

दामन पे मेरे सैकड़ों पैबंद हैं ज़रूर
लेकिन खुदा का शुक्र है धब्बा कोई नहीं

खुदा भी ना जाने कितने प्यारे रिश्तें बना देता है
जिनको हम जानते तक नहीं उनको भी
जान से प्यारा बना देता है

माँ ने रख दी आखिरी रोटी भी मेरी थाली मे
मैं पागल फिर भी खुदा की तलाश करता हूँ

मजहबी इबारतें आती नहीँ मुझको
आज भी इंसानीयत ही मेरा खुदा हुआ है

इंतज़ार तो हम सारी उम्र कर लेंगे
बस खुदा करे वो बेवफा ना निकले

ज्यादा ख्वाब मत बुनिये
मिलेगा वही जो मंजूरे खुदा होगा

मेरा दर्द तो सिर्फ मेरा खुदा जानता हैं
तुमने तो सिर्फ मेरी मुस्कान देखी है

आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद
बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता

ज्यादा फर्क नही रखा खुदा ने हम दोनों के बीच
तुझे चाहने वाले बहुत है तो मुझे ठुकराने वाले बहुत

जो लोग मौत को ज़ालिम करार देते हैं
खुदा मिलाये उन्हें ज़िन्दगी के मारो से

साक़ी शराब देना तो मस्जिद से दूर दूर
बोतल तो एक है कहीं खुदा न मांग ले

तेरा ज़िक्र, तेरी फ़िक्र, तेरा एहसास, तेरा ख्याल
तू खुदा तो नहीं फिर हर जगह क्यों है

मुझसा ही आलसी मेरा खुदा है
ना मै कुछ मांगती हूँ ना वो कुछ देता है

करनी है खुदा से गुजारिश
तेरी दोस्ती के सिवा कोई बंदगी न मिले
हर जनम में मिले दोस्त तेरे जैसा या
फिर कभी जिंदगी न मिले

वो साल तो बीत गया आँसुओं के साथ
इस साल तो खुदा करे खुशियाँ मिले मुझे

अगर इसी रफ़्तार से मानेंगे सब खुद को खुदा
तो एक दिन दुनिया में बन्दों की कमी हो जाएगी

मैं खुदा के दर पर भी गुनहगार होती हूँ
वो शख्श जो मुझे सजदों में भी याद आता है

Khuda Pe Shayari


उदास बच्चे के आंसू में रह गया खोकर
जो कह रहा था मुझको खुदा नहीं मिलता

दिलों में नज़दीकियाँ हो तो
रिश्तों मैं खुदा बसता हैं

अगर कसमें सच्ची होतीं तो
सबसे पहले खुदा मरता

छोड़ देंगे तेरी दुनिया को एक रोज ए खुदा
जख्म दे दे कर किराये की जिन्दगी का अहसास ना दिला

खुदा का शुक्र है की ख्वाब बना दिये
वरना तुम्हे देखने की तो हसरत ही रह जाती

लोगो ने कुछ दिया तो सुनाया भी बहुत कुछ
ऐ खुदा एक तेरा ही दर है जहा कभी ताना नहीं मिला

मशगुल थे सब अपनी ज़िन्दगी में
ज़रा सी जमीन क्या हिली सबको खुदा याद आ गया

ए खुदा अगर तेरे पेन की श्याही खत्म है
तो मेरा लहू लेले यू कहानिया अधूरी न लिखा कर

इतनी शिद्दत से तो वो खुदा भी नही ढूंढता
जितनी शिद्दत इंसान दूसरे में एब ढूंढता है

कुछ लोग सारी जिंदगी इंसान नही बन पाते
और कुछ लोग मयखाने से खुदा बनकर निकलते हैं

पुछेगा अगर खुदा तो कहूँगी
हाँ हूई थी मोहब्बत मगर जिसके साथ हूई
वो उसके काबिल ना था

तुम मिल गई तो खुदा भी नाराज हैं मुझसे
कहता है कि अब तु कुछ माँगता नहीं

ज़रा ये धूप ढल जाए तो उन का हाल पूछेंगे
यहाँ कुछ साए अपने आप को खुदा बताते हैं

आज तो उस खुदा से भी हमने कह दिया
किस्मत में जो लिखा है वो तो सबको मिलना ही है
देना ही है तो वो दे जो मेरी किस्मत में नहीं

खुदा जाने कि दुनिया कह रही है हम ही मुजरिम है
हमारे साँस लेने से मशालें बुझ गईं उनकी

खुदा ने लिखा ही नहीं तुझको मेरी क़िस्मत में शायद
वरना खोया तो बहुत कुछ था एक तुझे पाने के लिए

कमाल का हौसला दिया है खुदा ने हम इंसानोँ को
वाकिफ़ हम अगले पल से नहीँ और
वादेँ जन्मोँ के कर लेते है

बेटियाँ ये वो झरोखे हैं साहेब
जहाँ से खुदा हमे देखता है

Khuda Wali Shayari


तू मांग तो सही अपनी दुआओ मे बददुआ मेरे लिए
मै हंसकर खुदा से आमीन कह दूँगा

जिन्दगी मे खुदा से इतना तो मांग लेना दोस्तो
माँ के बिना कोई घर न हो और कोई माँ बेघर न हो

बस एक बार निकाल दो इस इश्क से ऐ खुदा
फिर जब तक जियेंगे कोई खता न करेंगे

इश्क़ इनायत है खुदा की
तो मैं गुनाहगार कैसे

मेरी आँखों में मत ढूंढा करो खुद को
पता है ना दिल में रहते हो खुदा की तरह

पलट दूँगा सारी दुनिया मैं ए खुदा
बस रजाई में से निकलने की ताकत दे दे

कभी जो मुझे हक मिला अपनी तकदीर लिखने का
कसम खुदा की तेरा नाम लिखूंगा और कलम तोड़ दूंगा

मजा चख लेने दो उसे गैरो की मोहब्बत का भी
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ
तो खुदा वो ओरो का क्या होगा