खुशबू पर शायरी
ख़ुशबू ने फूल को एक अहसास बनाया
फूल ने बाग़ को कुछ ख़ास बनाया
चाहत ने मोहब्बत को एक प्यास बनाया
और इस मोहब्बत ने एक और देवदास बनाया
सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो
तेरे हुनर में खिलावत-ऐ-खुशबू सही मगर
काँटों को उम्र भर की चुभन कौन दे गया
मोहसिन वो कायनात-ऐ-ग़ज़ल है उससे भी देख
मुझ से न पूछ मुझ को यह फन कौन दे गया
गुलाब की खुशबू भी फीकी लगती है
कौन सी खूशबू मुझमें बसा गई हो तुम
जिंदगी है क्या तेरी चाहत के सिवा
ये कैसा ख्वाब आंखों में दिखा गई हो तुम
उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है
देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको
Khushbu Shayari
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी
महकती फिज़ा की ख़ुशबू में जो देखा प्यार को
बस याद उनकी आई और रूलाती चली गयी
खुशबू की तरह मेरी हर साँस में
प्यार अपना बसाने का वादा करो
रंग जितने तुम्हारी मोहब्बत के हैं
मेरे दिल में सजाने का वादा करो
तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी
ना दिन का पता है ना रात का पता
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी
एक पल तो करीब आ जाओ
धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी
आपके प्यार के सुरूर में मैं कुछ ऐसा कर जाऊँगा
बनकर ख़ुशबू हवा में फ़ैल जाऊँगा
अगर भूलना चाहोगे मुझे तो भूल ना पाओगे
सांस लोगे तो मैं आपके दिल में उतर जाऊँगा
खुशबु शायरी
खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं
धुआं बनकर पर्वतों से उड़ा करते हैं
ये कैंचियाँ खाक हमें उड़ने से रोकेगी
हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते हैं
अल्फाजों में उसके अहसास की खुशबू मिलेगी
मेरी शायरी मेरे गीतों में वो सदा महकती रहेगी
ऐ लम्हों थम जाओ जरा उसकी याद आ रही है
आज फिर कलम चलेगी आज फिर ग़ज़ल बनेगी
ख़ुशबू तेरी प्यार की मुझे महका जाती हैं
तेरी हर बात मुझे बहका जाती हैं
साँस तो बहुत देर लेती है आने में
हर साँस से पहले तेरी याद आती हैं
ख़ुशबू की तरह आस-पास बिखर जायेंगे
सुकून बनकर दिल में उतर जायेंगे
महसूस करने की कोशिश कीजिये
दूर होकर भी आपके पास नजर आयेंगे
Teri Khushboo Shayari
बस गई है तू मुझमें
सुगंँध मेरी, तुझसी आती है
इत्र कोई भी लगा लूंँ मैं
खुशबू तो तेरी ही आती है
साँस लेने से भी तेरी याद आती है
हर साँस में तेरी खुशबू बस जाती है
कैसे कहु की साँस से मैं जिन्दा हूँ
जब की साँस से पहले तेरी याद आती है
तेरी चाहत मेरी आँखों में है
तेरी खुशबू मेरी सांसो में है
मेरे दिल को जो घायल कर जाए
ऐसी अदा सिर्फ तेरी बातो में है
जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुशबू बस जाती है
कैसे कहूँ तेरे बिना मैं ज़िंदा हूँ
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुशबू आती है
तू धरती पर चाहे जहाँ भी रहेगी
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगा
अगर बन्द हो जाएगी मेरी आँखें
तुझे तेरी खुशबू से पहचान लूंगा
वक्त के मोड़ पे ये कैसा वक्त आया है
जख्म दिल का जुबाँ पर आया है
न रोते थे कभी कांटो की चुभन से
आज न जाने क्यो फूलो की खुशबू से रोना आया है
Khushboo Shayari Image
हमसे दूर जाओगे कैसे
दिल से हमें भुलाओगे कैसे
हम वो ख़ुशबू है जो साँसों में बसते है
खुद की साँसों को रोक पाओगे कैसे
किसी लिबास की खुशबू जो उड़ के आती है
तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है
मेरे बगैर तुझे चैन कैसे पड़ता है
तेरे बगैर मुझे नीद कैसे आती है
सदाकत खुद-ब-खुद करती है शोहरत इस जमाने में
कभी खुशबू भी कहती है मुझे तुम सूंघ कर देखो
बड़ी ही खूबसूरत शाम हुआ करती थी वो तेरे साथ की
अब तक खुशबू नही गई मेरी कलाई से तेरे हाथ की
खुशबु बनकर आपके पास बिखर जायेंगे
हवा बनकर आपके सांसो मे समा जायेंगे
धड़कन बनकर आपके दिल मे उतर जायेंगे
जरा महसूस करने की कोशिश तो कीजिए
दूर रहकर भी पास नजर आएंगे
Shayari On Khushbu
रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए
दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए
तुम जो ख्वाबों में बसे हो मेरे उसी का नशा छाया है मुझ को
खुश्बू तेरी जो गुजरती रूह से उसपर बिखरना आया है मुझ को
इक फूल है फूल किधर जायेगी
बात खुशबुओं का है जो हवाओं में बिखर जायेगी
वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है
Quotes On Fragrance Of Love
खुशबू की तरह आया वो तेज हवाओं में
माँगा था जिसे हमने दिन-रात दुआओं मेंं
फूलो कि खुशबू सिर्फ़ हवाओ मे है
मेरे प्यार कि खुशबू चारो दिशाओं मे हैं
मुझ में खुशबू बसी उस की हैं
जैसे कि ये जिन्दगी उस की हैं
रंग ख़ुश्बू और मौसम का बहाना हो गया
अपनी ही तस्वीर में चेहरा पुराना हो गया
कभी तिनके कभी पत्ते कभी खुशबू उड़ा लाई
हमारे घर तो आंधी भी कभी तनहा नहीं आई
Khushbu Shayari 2 Lines
आप आए तो बहारों ने लुटाई ख़ुश्बू
फूल तो फूल थे काँटों से भी आई ख़ुश्बू
रूह काग़ज़ कलाम ख़ुश्बू है
क्या नुमायाँ पयाम ख़ुश्बू है
तेरी यादों की ख़ुशबू से हम महकते रहते है
जब-जब तुझको सोचते है बहकते रहते हैं
शायद कायनात भी है गुलाम तुम्हारी
तभी तो हर बदलता मौसम लिए आता है खुशबू तुम्हारी
सिर्फ खुशबू रही गुलाब नहीं
तेरी यादों का भी जवाब नहीं
वो तो ख़ुशबू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा
उठी कुछ ऐसे बदन की ख़ुश्बू
सिमट गई पैरहन की ख़ुश्बू
ख़ुश्बू जैसी रात ने मेरा
अपने जैसा हाल किया था
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू
तू जो बस गया है मेरे कमरे की फ़िज़ाओं में
ज्यों ही घुसती हूँ तेरी खुशबू महकने लगती है
Khushbu Par Shayari
हवाँए हड़ताल पर है शायद
आज तुम्हारी खुशबू नहीं आई
बड़ी ख़ामोशी से भेजा था गुलाब उसको
पर ख़ुशबू ने शहर भर में तमाशा कर दिया
दिलों में प्यार भर के भी क्या फायदा
अगर सामने वाले के दिल तक उसकी
खुश्बू पहुंच ही ना पाए
महसूस तो करते है मगर छू नहीं सकते
तुम फूल नहीं फूल की खुशबू की तरह हो
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आंखों में
जहां देखे तू एक नजर वहां खुशबू बिखर जाए
ख़ुशबू है मेरे रोम रोम मे उस गुज़री रात की
जब जिस्म का हर हिस्सा भीगा था तेरे इश्क़ ए जाम मे
आपके याद की खुशबू मेरे दामन से लिपटी है
बड़ा ही अच्छा-सा लगता है तुम्हें सोचते रहना
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है
एक ख़ुश्बू सी उभरती है नफ़स से मेरे
हो न हो आज कोई आन बसा है मुझ में
इत्र से कपड़ो का महकना बड़ी बात नही
मजा तो तब है जब मेरे किरदार से खुशबू आए
अपनी यादों की ख़ुशबू भी हम से छीन लोगे क्या ?
किताब-ए-दिल में अब ये सूखा गुलाब तो रहने दो
खुशबू कैसे ना आये मेरी बातों से यारों
मैंने बरसों से एक ही फूल से मोहब्बत की है
खुशबू तुम्हारी ही आए
तो मेरी साँसो का क्या कसूर है
Sad Love Khushbu Shayari
कैसे तेरा दर्द छुपाऊ दुनिया से
हर एक जख्म से तेरी खुशबू आती है
क्षमा उन फूलों के समान है
जो पाँव-तले कुचले जाने पर भी खुशबू
देना नहीं भूलते
अपनो की यादें खुशबू की तरह होती हैं
चाहे कितनी भी खिड़की दरवाजे बन्द कर लो
हवा के झोंके के साथ अन्दर आ ही जाती है
नजरें तुम को ही देखना चाहें
तो मेरी आँखों का क्या कसूर है
ख़ुशबू-सी बेटियाँ जब गले लगती हैं
तो रूह तक महक उठती हैं
दो दिन की जिन्दगी है इसे दो उसूलों से जियो
रहो तो फूलों की तरह और बिखरों तो ख़ुशबू की तरह
Hindi Quotes On Fragrance
ख़ुश्बू को फैलने का बहुत शौक़ है मगर
मुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किए बग़ैर
तेरी सूरत भी अब खुशबू सी है
दिखती तो नही पर महसूस करता हूं
हमे क्या जरूरत खुशबू लगाने की
तेरी मोहब्बत में महक कर गुलाब हुए है
ख़्वाबों में तसवीर, फ़िज़ाओं में खुश्बू
ठहरता सा वक़्त, खामख्वाह मुस्कुराना
किनारे बैठी हूँ तेरी यादों के सहारे
हर लहर इक एहसास जगाती है
मुझे हवा से भी तेरी ही खुशबू आती है
मिरे पहलू में वो आया भी तो ख़ुश्बू की तरह
मैं उसे जितना समेटूँ वो बिखरता जाए
हम खुशबू जैसे लोग
बस बिखरे बिखरे रहते हैं
मेरी हर चीज़ में तेरी ख़ुशबू को तलाशती हूँ
आज भी मैं सिर्फ़ तुझमें ही रहना चाहती हूँ
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुश्बू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की
मेरे खत तुम सरेआम जलाया ना करो
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