Ghayal Shayari
कोई हमको मोहब्बत में अपनी पागल कर गया
ये इश्क़ बैठे बिठाए कितना घायल कर गया
मेरी मोहब्बत की दास्तान सुन सुन कर
आज मेरा मोबाईल भी इश्क से घायल हो गया
लिखने वाले ने लिख दी किस्मत करम से
प्यार से वाबस्ता कर दिया उसने भरम से
बेचारा मन तो खो गया उस प्यारी हंसी में
और घायल हो गये हम इस दिल नरम से
घायल करने को वो ले के शमशीर बैठे है
दिल जलाने वाली तकदीर लिए बैठे है
बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जाएगी
महफ़िल में बेवफ़ा यार की तस्वीर लिए जो बैठे है
घायल शायरी
ये क्या है जो आँखों से रिसता है
कुछ है भीतर जो यूँ ही दुखता है
कह सकता हूं पर कहता भी नहीं
कुछ है घायल जो यहाँ सिसकता है
किसी हसीना की कातिल नजरों से घायल हो गए
खुद से भी आँख मिला ना सके इतने कायर हो गए
इश्क में मेरा ये दिल कुछ इस कदर टूटा
दिल का दर्द लिखते-लिखते हम भी शायर हो गए
Ghayal Dil Shayari
हसरतों का जैसे फिर धुआँ उड़ने लगा
अब तो घायल दिल भी जलने लगा
क्या खूब सजाया जनाज़ा लोगों ने मेरा
पर अब तो उसमें भी दम घुटने लगा
मुफ्त में हम हो गए बदनाम तुम मुझे और ना बदनाम करो
दिल घायल हो गया है कब का दिल मेरा और ना घायल करो
Ghayal Shayari 2 Line
ऐ जिंदगी तेरे इश्क में पागल भी हम हो चुके
कांटों से नहीं हम यहां फूलों से घायल हो चुके
लफ्जों की दहलीज पर घायल ज़ुबान है
कोई तन्हाई से तो कोई महफ़िल से परेशान है
देखे तेरा सोना मुखड़ा घायल हूए हजार
कमसिन कमरिया हाय तेरी लुटे है बजार
सफेद सूट पर जब लाल बिंदी लगाती हो
तो कसम से एंबुलेंस नजर आती हो
तेरी नशीली आंखे और उनमे लगा काजल
हाय तुझको देखते ही हो जाते हैं हम तो घायल
तेरी हर अदा के कायल हैं
यूं ही नहीं तेरे इश्क़ में घायल हैं
Ghayal Sher Shayari
इंसान ख्वाहिशों से बँधा हुआ एक ज़िद्दी परिंदा है
उम्मीदों से ही घायल और उम्मीदों पर ही ज़िन्दा है
इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल दोनों तरफ़ इक दर्द-ए-जिगर है
दिल की तड़प का हाल न पूछो जितनी इधर है उतनी उधर है
नज़र घायल जिगर छलनी जुबां पर सौ सौ ताले है
मोहब्बत करने वालों के मुकद्दर भी निराले हैं
अपनी ही तेग-ए अदा से आप घायल हो गया
चाँद ने पानी में देखा और घायल हो गया
ख़्वाबों की चुनर है यादों की पायल है
ज़िंदगी है प्यार तेरा हम तेरे घायल
Ghayal Love Shayari
यकीनन मोहब्बत की शुरुआत नजरों से ही होती है
हो अगर लफ्ज़ो में नजाकत तो नजरें भी घायल होती हैं
सांवरे जबसे देखा है तुमको आधी पागल सी मै हो गयी हूं
तेरी नजरों की मीठी छुरी से प्यारे घायल सी मै हो गयी हूं
श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है
तेरी एक मीठी मुस्कान घायल कर जाती है
दिल इश्क से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है
उम्मीदों से ही घायल है उम्मीदों पर ही जिंदा है
Ghayal Shayari In Hindi
घायल उस खंजर से नहीं जो मेरी पीठ मे लगा
दर्द तब हुआ जब खंजर वाले हाथ को देखा
ए पूरी दुनिया को घायल करने वाले
याद ना करके मुझे तूने दिल दुखाया हैं बहुत मेरा
मेरे दिल को जो घायल कर जाए
ऐसी अदा सिर्फ तेरी बातो में है
मैं साँस साँस घायल हूँ कौन मानेगा
बदन पे चोट को कोई निशान भी तो नही
आँखें पथरा गयी हैं
नज़रें मिलाना तो ज़रा सम्हल के
उसकी बेजान पुतलियों से लड़कर कहीं
नर्म तुम्हारी ये निगाहें घायल ना हो जायें
घायल करके मुझे उसने पूछा करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे
लहू-लहू था दिल मगर होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा
Ghayal Status
खंजर की क्या मज़ाल कि एक ज़ख्म कर सके
लेकिन तेरी बेरुखी से मैं बार-बार घायल हुआ हूँ
निगाहें तीर-तरकस से किया घायल परिंदे को
कसम देकर के फ़िर बोले दिखाओ उड़ के तो जाने
सो गए वो इश्क़ के सारे घायल पंछी
जरा सी मलहम मिलने पर
सुबह फिर अपनी डालियो पर बैठेंगे
और इश्क़ करेगे और
फिर दर्द ये दिल की चोट लगेगी
ये अदायें ये मुस्कुराहट ये मस्त निगाहें
देख लू तो घायल न देखू तो पागल
तुम्हारी लहराती ज़ुल्फ़ों ने
सर्जिकल स्ट्राइक कर मन को घायल कर दिया
गोरे रंग में काली घटाओं ने दर्दे ज़िगर को
हमेशा के लिए तेरा क़ायल कर दिया
फर्क इतना है कि वह घायल को ले जाती है
और तुम घायल कर जाती हो
Boyfriend नहीं है तो क्या हुआ ?
एक नज़र में सबको घायल कर दूँ
ऐसी अदा तो है
हे प्यारे एक तेरी मुस्कान घायल करें सो बार
फिर हमसे ही पूछें मैंने क्या किया सरकार
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