Fursat Shayari
सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर
हमको तेरे ख्याल से कभी फुरसत न मिली
अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी
सुख-दुःख का एहसास हैं जिंदगी
फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो
तुम्हारे बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी
Shayari On Fursat
तुम्हे गेरौ से कब फुरसत हम अपने ग़म से कब खाली
चलो बहुत हो गया मिलना ना तुम खाली ना हम खाली
तुम्हें जब कभी मिले फुरसतें, मेरे दिल से बोझ उतार दो
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ मुझे कोई शाम उधार दो
शहर भी वही, वक़्त भी वही
पर दिल जो खोजे वो शख्स ही नहीं
तमाम लोगों का हाल जाना तमाम लोगों से बात की
कभी फुर्सत ही न मिल सकी खुद से मुलाकात की
फुर्सत शायरी
एक सुकून की तलाश मे जाने कितनी बेचैनियां पाल ली
और लोग कहते है हम बड़े हो गए हमने जिंदगी संभाल ली
बेहद फिज़ुल हमें समझ रखे है वो
याद तब ही करते है जब फुरसत में रहते है वो
हमें फुरसत नहीं मिलती कभी आंसू बहाने से
कई ग़म पास आ बैठे तेरे एक दूर जाने से
तेरे पास भी कम नहीं, मेरे पास भी बहुत हैं
ये परेशानियाँ आजकल फुर्सत में बहुत हैं
तेज रफ़्तार ज़माने में फुरसत में बड़े हैं लोग
मेरी बातें करते हुए चौराहों पर खड़े हैं लोग
जमाना ख़राब कर रही हैं ये बेटियां नवाब की
ना सर पे लाज का दुपट्टा ना फुर्सत है हिजाब की
Unhe Fursat Nahi Shayari
उन्हें फुर्सत नहीं हमारे लिए चलो मन दीवारों से बात करते हैं
तुम्हे फुर्सत नहीं अपनी महफ़िल से और
हम तुम्हे हर-पल याद करते हैं
तुम ताल्लुक तोड़ने का जिक्र किसी से भी ना करना
हम लोगों से कह देंगे कि उन्हें फुर्सत नहीं मिलती
लगता हैं उन्हें अब फुर्सत नहीं मिलती
मुझे याद करने की तभी तो अब हिचकिया आती नहीं
चलो छत से ही सही
मेरे जनाजे को देखने की फुर्सत उन्हें मिली
Tumhe Fursat Nahi Shayari
कभी मिले तुम्हे फुरसत तो इतना जरुर बताना
वो कौन सी मौहब्बत थी जो हम तुम्हे दे ना सके
Fursat Shayari Two Lines
खत्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर
कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किस ने की थी
बड़े अजीब से हो गए हैं रिश्ते आजकल
सब फुरसत में हैं पर वक्त किसी के पास नहीं
उनको तो फुरसत नहीं
दीवारो तुम ही बात कर लो मुझसे
फ़ुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना ज़रुर
मैं नायाब उलझनों की मुकम्मल किताब हुँ
बड़ी मसरूफ़ रहती है जिंदगी शायरों की
फुरसतों में भी वो शब्दों के जाल बुनते है
मुझे दिल से भुलाने वाले
कभी फुर्सत से बैठना फिर सोचना
मेरा कसूर क्या था ?
सुकून तलाशती फिरती हैं
है रात भी कुछ मेरी जैसी
काश उसको भी कभी फुर्सत मे ये ख्याल आ जाये कि
कोई याद करता है उसे जिन्दगी समझकर
फुर्सत मिले तो कभी हमें भी याद कर लेना फ़राज़
बड़ी पुर रौनक होती हैं यादें हम फकीरों की
काश तुझे कभी फुरसत में ये खयाल आ जाए
की कोई याद करता है तुम्हें जिन्दगी समझकर
बड़ी फुर्सत से बैठे हैं आज तेरी यादों के ख़ज़ाने को लेकर
इन्हे देख कर ऑंखें छलक आयी तो मैं क्या करू ?
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते हो तो
मुझे याद मत करना
मैं तनहा ज़रूर हूँ मगर फ़जूल नहीं
खत्म कर दी थी जिंदगी की हर खुशियां तुम पर
कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी
तुम एकलौते वारिस हो मेरे सारे प्यार के
ये जो चंद फुर्सत के लम्हे मिलते हैं जीने के लिए
मैं उन्हें भी तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ
मंजिल पे पहुँचकर लिखूंगा मैं इन रास्तों की मुश्किलों
का जिक्र अभी तो बस आगे बढ़ने से ही फुरसत नही
Fursat Me Yaad Shayari
फुर्सत में ही याद कर लिया करो हमें
दो पल मांगते है पूरी जिंदगी तो नहीं
बड़ी फुर्सत से कमरे की तन्हाईयों में बैठे रहते हैं
पता हैं क्यू? तुम्हे याद करने के लिए
हजूम ए दोस्तों से जब कभी फुर्सत मिले
अगर समझो मुनासिब तो हमें भी याद कर लेना
नहीं फुर्सत यक़ीन मानो हमें कुछ और करने की
तेरी यादें, तेरी बातें, बहुत मशरूफ रखती हैं
Fursat Shayari In Hindi
फुर्सत मिले तो उन का हाल भी पूछ लिया करो
जिन के सीने में दिल की जगह तुम धड़कते हों
कमाल करता है ऐ दिल तू भी
उसे फुरसत नहीं और तुझे चैन नहीं
मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है
फुर्सत अगर मिलें तो मुझे पढ़ना जरूर
मैं तेरी उलझनों का मुकम्मल जवाब हूँ
अभी मसरूफ हूँ काफी कभी फुर्सत में सोचूंगा
कि तुझको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ
मंहगीं तो फुर्सत है जनाब सुकुन तो आज भी सस्ता है
चाय की प्याली में भी मिल जाता है
Fursat Ki Shayari
मसरुफ रहने का अंदाज आपको तन्हा ना कर दे
रिश्ते फुरसत के नही तवज्जो के मोहताज़ होते हैं
पतझड़ को भी तू फुर्सत से देखा कर ऐ दिल
बिखरे हुए हर पत्ते की अपनी अलग कहानी है
गुज़र गया आज का दिन पहले की तरह
ना हम को फुर्सत मिली ना उनको ख्याल आया
कभी फुरसत में खुद से मिलेंगे
लोगों से सुना है कि बहुत बुरे है हम
फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना
तुम भी मेरे अपने हो या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं
फुरसत मिले तो चाँद से मेरे दर्द की कहानी पुछ लेना
एक वही तो है हमराज मेरा तेरे सो जाने के बाद
Fursat Sad Shayari
काश उनको कभी फुर्सत में ये ख्याल आए
कि कोई याद करता है उन्हें जिन्दगी समझ कर
जब हो थोड़ी फुरसत तो अपने मन की बात हमसे कह लेना
बहुत खामोश रिश्ते कभी जिंदा नहीं रहते
सालो साल बातचीत से उतना सुकून नही मिलता
जितना सिर्फ एक बार गले लग कर मिलता है
Attitude की चमक और मिर्ची की जलन
क्या होती है सब दिखा देंगे
फिलहाल फुर्सत नहीं है
फुर्सत मिली तो तेरी औकात भी दिखा देंगे
जो फुर्सत मिले तो मुड़कर देख लेना
मुझे एक दफ़ा
बेचैनी भी जहाँ सुकून देने लगती है
आ देख उस दौर से गुजर रहा हूँ मैं
मुझे तेरे सिवा कुछ सोचने की फुरसत नहीं
ओर तुम कहते हो मैं भूल जाऊँ तुम्हें
फुर्सत निकाल कर आओ कभी मेरी महफ़िल में
लौटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में
मिल जाए उलझनों से फुरसत तो जरा सोचना
क्या सिर्फ फुरसतों मे याद करने तक का रिश्ता है हमसे
फुर्सत मिले तो आना कभी दिल की गलियों तक
हम धड़़कनों में अपनी तुम्हारा नाम सुनाएंगे
दिल ने आज फिर तेरे दीदार की ख्वाहिश रखी है
अगर फुरसत मिले तो ख्वाबों मे आ जाना
खुदा ने बड़ी फुर्सत से बनाया हैं तुम्हे
तभी तो आज तक कोई तुमसा नहीं देखा
आज सुबह से ही हिचकिया आ रही हैं
लगता हैं आज उन्हें फुर्सत मिल ही गयी
मुझे याद करने की
खुशी जल्दी में थी रूकी नही
गम फुरसत में थे जो ठहर गए
बड़ी फुर्सत में रहती हो तुम
चली आती हो दिन-रात यादो में
खुद से मिलने की भी फुरसत नहीं है अब मुझे
और वो औरो से मिलने का इल्ज़ाम लगा रहे है
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