Dilchasp Shayari
दिलचस्प कभी सच्चे नहीं होते है
अच्छे लगते है मगर अच्छे नहीं होते है
चाँद में दुनिया और बुजुर्गो में खुदा को देखे
भोले इतने तो अब ये बच्चे नहीं होते है
Dilchasp Shayari 2 Line
हर रोज वो मुझे हैरान करती जा रही है
हर रोज वो बेहद दिलचस्प होती जा रही है
मिल रहे हो न खो रहे हो तुम
दिन ब दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम
करीब रहा करो शायरों के दिलचस्प इनकी कहानी होती है
हो उम्र कितनी भी अंदाज-ए-बयाँ में इनके जवानी होती है
दिलचस्प शायरी
शायद किसी रोज उनसे मुलाकात होगी
देखना दिलचस्प होगा कि किस शिकायत पर बात होगी
बड़ी ही दिलचस्प इस सुबह की बात है
हम रात चाँद में डूबे थे और अब सूरज का साथ है
ना मिल रहा है तू ना खो रहा है तू
ऐ मेरे यार बड़ा दिलचस्प हो रहा है तू
बेरूखी दुनिया में कोई रंगीन दिलचस्प इश्तहार बनो
सुकून से पढ़ना चाहें सब वो इतवार का अखबार बनो
Dilchasp Shayari In Hindi
ग़र भुला सको तो एक बुरी याद हूँ मैं
ग़र सिने में छुपाओ तो एक दिलचस्प अहसास हूँ मैं
मोहब्बत जब तक नहीं होती है
तब तक ही दिलचस्प होती है
बहुत से आयेंगे तेरी जिन्दगी में दिलचस्प लोग कल
पर भूल नहीं पाओगी मेरे साथ बिताएं हुए पल
Dilchasp Shayari Hindi
हम बेकसूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते है
शर्मिंदा हो जाते है खता के बगैर भी
काश इस गुमराह दिल को ये मालूम होता कि
मोहब्बत उस वक्त तक ही दिलचस्प होती है
जब तक नहीं होती है
बड़ा दिलचस्प है तेरी याद का सिलसिला
कभी एक पल कभी पल-पल, कभी हर पल
गलतफहमियों के सिलसिले आज इतने दिलचस्प हैं
कि हर ईंट सोचती है दीवार मुझ पर टिकी है
हम बेक़सूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते हैं
शर्मिंदा हो जाते हैं ख़ता के बग़ैर भी
जरूरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखूं,
तेरी याद का आना भी तेरे दीदार से कम नहीं
अधूरी ही ठीक है मोहब्बत मेरी
सुना है मुक्कमल किस्से दिलचस्प नहीं होते
कोई दिलकश नजारा हो कोई दिलचस्प मंजर हो
तबीअत खुद बहल जाती है बहलाई नहीं जाती
बड़ा दिलचस्प है तेरी याद का सिलसिला
कभी एक पल कभी पल पल कभी हर पल
यह रात भी दिलचस्प होती है सितारों से भरी
रात भर गिनते रहो पर खत्म होते नहीं
चाँद में दुनिया और बुजुर्गो में खुदा को देखे
भोले इतने तो अब ये बच्चे नहीं होते है
उसके झूठ बोलने के तरीके इतने दिलचस्प थे
कि वह हँसते-हँसते उसे सच बना दिया करती थी
एक तेरा ही तो ख्याल है मेरे पास
वरना कौन अकेले में मुस्कुराता है
गलतफहमियों के सिलसिले इतने दिलचस्प है
कि हर ईट सोचती है दीवार मुझ पर टिकी है
बड़े दिलचस्प वादे थे बड़े रंगीन धोके थे
गुलों की आरज़ू में ज़िंदगी शोले उठा लाई
कभी फुर्सत में खुद से मिलेंगे
सुना है कि बहुत दिलचस्प है हम
बहुत आएँगे तुम्हारी ज़िन्दगी में दिलचस्प लोग
लेकिन भुला ना पाओगे हमारे साथ गुज़रे वो दो पल
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