Darwaza Shayari

Khayal Kaafila Dard Manzil Basti Darwaza Shayari

हम ने जब कोई भी दरवाज़ा खुला पाया है
कितनी गुज़री हुई बातों का ख़याल आया है
क़ाफ़िला दर्द का ठहरेगा कहाँ हम-सफ़रो
कोई मंज़िल है न बस्ती न कहीं साया है

कुछ मै थका कुछ मेरे हालात थके
वो जुगनू थके वो गुज़रती रात थके
मै फिर भी खड़ा रहा हाथ पर दिल के जज़्बात रखे
कभी तेरा दरवाजा थका कभी दस्तक देते मेरे हाथ थके

दरवाज़े पर शायरी


दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते है
खुशी ये है वो मुझे अब भी पहचान लेते है

तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा
कल की रात भी दरवाज़ा खुला रखूँगा

खटखटाए न कोई दरवाजा बाद मुद्दत मैं खुद में आया हूँ
एक ही शख़्स मेरा अपना है मैं उसी शख़्स से पराया हूँ

Darwaza Shayari In Hindi


दरवाज़ा अपने घर का खुला रखना मन
जाने वाले शायद लौट के आ जाए

ज़रूरी नहीं कि दस्तक या आहट हमेशा दरवाज़े पर भी हो
कई बार कुछ ख़ास मेहमान दिल पर भी दस्तक देते हैं

मैंने दिल के दरवाजे पर लिखा अंदर आना सख्त मना है
प्यार हँसता हुआ आया और बड़ी मासूमियत से बोला
मुझे माफ करना मैं तो अन्धा हूँ

लगी रहती हैं निगाहे अब दरवाज़े पर
शायद कोई उनका पैगाम आ जाये

तहजीब सिखा दी मुझे एक छोटे से मकान ने
दरवाजे पर लिखा था थोड़ा झुक कर चलिये

रातो में घर का दरवाज़ा खुला रखती हूँ
काश कोई लुटेरा आये और मेरे ग़मों को लुट ले जाए

दिल के दरवाजे पर एक चौकीदार बैठा है पगली
जो तेरे आलावा किसी और को अंदर घुसने ही नहीं देता

Shayari On Darwaja


भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है
कर्मो का तूफ़ान पैदा करें सरे दरवाजे खुल जायेंगे

जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है
अगर इश्क हो तो कहना अब दिल यहाँ नही रहता

उन दिनों घर से अजब रिश्ता था
सारे दरवाज़े गले लगते थे

कुछ मुलाकाते दरवाजे खोल जाती है
या तो दिल के या तो आंखो के

सारी रात मेरे घर का दरवाज़ा खुला रहा इंतज़ार में
मैं उनकी राहे देखता रहा और वो रास्ता बदल चले गए

Band Darwaza Shayari

Kambakht Ishq Band Darwaza Shayari

बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई

दिल के दरवाजे पर कोई दस्तक नही होती
तेरा जिक्र होते ही दरो दीवार महकने लगते है

जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँ
मेरी आंखें एक दस्तक दे देती है

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी
फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना

काश तेरे दिल में भी एक दरवाज़ा होता
जानम हम अंदर जाकर कुण्डी लगा देते सदा के लिए