Baatein Shayari In Hindi


सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी अदा मत बदल
यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार खुदा मत बदल


Khamosh Khayal Guftagu Baatein Shayari In Hindi

चंद खामोश ख्याल और तेरी बातें
खुद से गुफ्तगू में गुज़र जाती हैं रातें


झूठी सारी बातें धोखा हर तक़सीम
गांव से शहर तक कड़वे सारे नीम


शूल क्या चुभेगा जनाब जो बातें चुभ जाती है दिल में
याद आ आ कर बातें जख़्म हरा कर जाती है दिल में


बात काम की एक नहीं होती
खत्म बातें मेरी लेकिन तुमसे नहीं होती


ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं
झूठ-सच, जीत-हार की बातें छोड़िये दास्तान बहुत लम्बी है


Kuch Baatein Shayari


Khayal Kuch Baatein Love Shayari

आ जाओ फिर से मेरे खयालो में कुछ बातें करतें हैं
कल जहाँ ख़तम हुई थी वहीं से शुरुआत करते हैं


सुलझ गई तो सिमटने लगेगी जिंदगी
कुछ बातें उलझी ही रहने दो

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चलिए कुछ बचकानी बातें करते है
हर वक्त की समझदारी तो बोझ है

खामोश शहर की चीखती रातें
सब चुप है पर कहने को है हजार बातें

सफल रिश्तों के यही उसूल हैं
बातें भूलिए जो फिजूल है

जो बातें हमें भूल जानी चाहिए
वो सब हमें याद हैं
इसलिए ही ज़िन्दगी में इतना विवाद है

बातें शायरी


रूह के रिश्तों की यही खूबी है
महसूस हो ही जाती है कुछ बातें अनकही

किसी की बातें बेमतलब सी
किसी की ख़ामोशियाँ क़हर हैं

तुमने भेजे थे कभी जो वो मै जैसे पढ़ लेता हूं अब
ऐसा लगता है के तुमसे बातें हो जाती हैं

ऐसा नहीं है कि हमें बातें बुरी नहीं लगती
एक बस तेरे लिये सारे गुनाह माफ़ है

प्यार का रिश्ता भी कितना अजीब होता है
मिल जाये तो बातें लंबी और बिछड़ जायें तो यादें लंबी

पहले होती थीं ऊल जलूल की बातें बेशुमार
अब तो हाल चाल भी नहीं पूछा जाता

गुमसुम मत बैठो पराये लगते हो
मीठी बातें नहीं है तो चलो झगड़ा ही कर लो

Shayari On Baate


आँखें भिगोने लगी है अब तेरी बातें
काश तुम अजनबी ही रहते तो अच्छा होता

गुरूर में रहने की आदत है उन्हे
और बातें करते है मोहब्बत की

चलो ख़ामोशियों कि गिरफ़्त में चलते हैं
बातें ज़्यादा हुई तो जज़्बात खुल जायेंगे

खेल और इश्क़ दोनों मुख़्तलिफ़ सी बातें हैं
एक में तुम माहिर एक में मैं माहिर

एक वक्त था जब बातें खत्म नहीं हुआ करती थी
आज सब खत्म हो गया पर बात नहीं होती

रंग-बिरंगी चेहरे खूब समझ आते है
दो-रंगी ना बातें समझ आती है ना लोग

वो हमसे बात अपनी मर्जी से करते हैं
पर हमारा पागलपन तो देखीए जनाब
कि हम उनकी मर्जी का इंतजार बङी सिद्धत से करते हैं

तुम समझो गर ये ख़ालीपन तो कोई बात भी बने
के बातें बेवजह भी ज़रूरी है कभी कभी इश्क़ में

बेवफा भी कैसे कह दूँ तुमको
वफा की बातें कभी हुई ही नही थी

नहीं फुर्सत यक़ीन मानो हमें कुछ और करने की
तेरी यादें, तेरी बातें, बहुत मशरूफ रखती हैं

मुझसे बातें करके देखना
मै बातों मे आ जाता हूँ

रहने दे कुछ बातें यूँ ही अनकही सी
कुछ जवाब तेरी आँखों में देखे हैं अटके हुए

रिश्तों की बातें बस दिल तक रखना
दिमाग चालक है हिसाब लगाएगा

हर पल इतनी उदास बातें, हर पल इतना उदास लहजा
लगता है की तुम को भी, हर पल हम सा ही कोई गम है

मीठी-मीठी बातें तो हमें भी आती है लेकिन
वो तहजीब नहीं सीखी जिससे किसी का दिल दुखें

कभी हमसे भी पल दो पल बातें कर लिया करो
क्या पता आज हम तरस रहे है कल तुम तरस जाओ

यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो
मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो

दो घड़ी तो प्यार की बातें कर ले
दिल जलाने को उम्र सारी है

मेरी वो बातें जिन पर तुम हँसा करती थी
कभी वो बातें रुलाये तो लौट आना

सबको गोली की तरह लगती है बातें मेरी
इस का मतलब है अच्छा है निशाना मेरा

कभी वक्त निकाल के हमसे बातें करके देखना
हम भी बहुत जल्दी बातों मे आ जाते है

उसने कुछ यूँ भी होती हैं हमारी बातें
ना वो बोलते हैं न हम बोलते हैं

तस्वीरों का रोग भी कितना अजिब होता है
तन्हाई में बातें करो तो बोलने लगती है

तेरा मेरा रिश्ता भी कागज़ और कलम सा है
जब भी मिलते है गैरों की बातें ही करते है

चलो खामोशियों की गिरफ्त में चलते हैं
बातें ज्यादा हुईं तो जज्बात खुल जायेंगे

बातों से सीखा है हमने आदमी को पहचानने का फन
जो हल्के लोग होते है, हर वक्त बातें भारी भारी करते हैं
जब से तूने हल्की-हल्की बातें की हैं
तबीयत भारी-भारी सी रहती है

कोई भी इन्सान उसी व्यक्ति की बातें चुपचाप सुनता है
जिसे खो देने का डर उसे सबसे ज्यादा होता है

पहुँच जाती हैं दुश्मन तक हमारी सारी बातें
जाने कौन है वो कैंची जो लिफ़ाफ़ा काट जाती है

क्या गज़ब है उसकी ख़ामोशी
मुझ से बातें हज़ार करती है

बाहर से जो करता है बहुत प्यार से बातें
अन्दर से वही शख्स हमारा नहीं होता