आँगन पर शायरी


Aangan Shayari

बैठता था कभी दाने ख़ुशी के लेकर
अब खुशियों का धंधा भी मंद हो गया
जरा वक्त ने मुँह क्या मोड़ा मुझसे
मेरे आँगन में चिड़ियों का आना भी बंद हो गया


Aangan Shayari | आँगन पर शायरी । Garden Quotes Hindi

जब खिलौने तो महंगे थे, पर खुशियां सस्ती होती थीं
हमारे आँगन का पानी, हमारी ही कश्ती होती थी
जब ख्यालों में भी अपने शैतानों की बस्ती होती थी
वो दिन थे जब सच्चे थे दोस्त और सच्ची मटरगश्ती होती थी


नयनों के आँगन में
एक ख्वाब उगा कर देखे
जिंदगी आसान नहीं है तो
मुश्किलों में खुद को आजमाकर देखे


बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें
इनको तू बेकार ना कर
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार न कर


Aangan Shayari


आज मेरे आँगन में भी एक चाँद
अपनी चाँदनी लेकर आएगी,
फिर उस आसमान के चाँद की
जरूरत खत्म हो जायेगी


मेरे आँगन की चिड़िया है तू
उस बाग़ का फूल बन जाना
चहकती रही हर रिश्ते में यहाँ
अब वो आँगन भी महकाना


नींदो से नाता टूटा
ख़्वाबों का आँगन छूटा
सारा जहाँ लगे पराया
जब से तू मुझसे रूठा


बचपन में माँ जिस आँगन को
बच्चों के लिए सजाती है
बुढ़ापे में उसी आँगन में
बच्चों के लिए आँसू बहाती है


मैं अपने दिल के आँगन में
किसी को कदम नहीं रखने देता हूँ
खून मेरे दिल से भी निकलता है
और उनके पैरों से भी
पर समझ में नहीं आता है कि
काँटा मेरे दिल में है या उनके पैरो में
जो थोड़े से वक्त में इतना जख्म दे गया


जब खिलौने महंगे थे
तब खुशियां बड़ी सस्ती होती थी
हमारे आँगन के पानी में सिर्फ
हमारे खुशियों की कश्ती होती थी


Aangan Shayari 2 Line


संभालकर रखना कदम दिल के आँगन में
अब फूल खिलता नहीं बस काँटे है चमन में


आँगन में आपके कभी खुशियाँ कम न हो
आपको हम खूब तंग करे पर आपको गम न हो


गाँव सूना-सूना है और वीरान आँगन पड़ गया
इंसान के ख्वाहिशों का कद कुछ इस तरह बढ़ गया


जन्नत की महलों में हो महल आपका
ख्वाबो की वादी में हो शहर आपका


महक उठा है आँगन इस खबर से
सुकून के लिए वो आये है शहर से


जिनके आंगन में अमीरी का शज़र लगता है
उनका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है


सितारो के आंगन में हो घर आपका
दुआ है सबसे खूबसूरत हो हर दिन आपका


दिल के आँगन में कदम रखना वक्त निकालकर
हैरान रह जाओगी मेरे दिल में अपना मुकाम देखकर


तुलसी के पेड़ आँगन में मुरझाने लगे है
जबसे घर के बच्चे मोबाइल चलाने लगे है


कुछ खिलौने कभी आँगन में दिखाई देते
काश, हम भी किसी बच्चे को मिठाई देते


Garden Quotes Hindi


सारे मतलबी रिश्तों को तोड़ आएं है
पुराने घर के आँगन में दिल छोड़ आएं है


इक शजर ऐसा मोहब्बत का लगाया जाए
जिस का हम-साये के आँगन में भी साया जाए


प्लास्टिक की पत्तियां पूजने लगे है लोग
आँगन की तुलसी भूलने लगे है लोग


महक उठा है आँगन इस खबर से
वो ख़ुश्बू लौट आयी है सफर से


आँगन के खूबसूरत फूलों को नोचकर
क्या बगवान खुश होते है यह सोचकर


न जाने कितने दाग लग गए दामन में
जब उसने पाँव रखा किसी गैर के आँगन में


औरत से ही घर पावन है
औरत से ही महकता आँगन है


जब मेरे गाँव से कोई मेहमान आया
मेरे आँगन की खुशबू को साथ लाया


Garden Quotes In Hindi


उसे छत पर टंगे आलीशान झूमर पसंद थे
और मेरा दिल किसी आँगन में जलते दीप का दीवाना था


बना दे मुझे तेरे दिल का ADMIN फिर देख
तेरे दिल के आंगन में खुशियाँ ADD कर दूंगी


हैरान रह जाओगे मेरे दिल में
अपना मुक़ाम देखकर


न माँगू मैं महल
न बंगला न कोठी
जन्म मिले उस आँगन में
जहाँ जले राधे की ज्योति


ना मांगू मैं महल, ना बंगला ना कोठी
जन्म मिले उस आंगन में जहाँ जले राधे की ज्योति


दिल के आँगन में इस तरह से आओ
कि फिर जिंदगी में कभी अँधेरा न हो


बनके चराग हम जलते रहे जिनके आंगन मे
बुझने के बाद मालूम हुआ वहाँ अंधेरा ही ना था


Garden Hindi Status


कभी वक़्त मिले तो रखना कदम
मेरे दिल के आँगन में


कुछ खामोशियां गाढ़ गया था वो मेरे आँगन में
इर्दगिर्द कुछ उगने लगा है मेरा खालीपन सूनापन


आँगन में देख के चुगते दाना चिड़ियाँ को
लगा ऐसा के जिंदगी यूँ भी कितनी हसीन है


एक टुकड़ा बादल एक आंगन बरसात
दिल की यही ख्वाहिश के भीगूँ तेरे साथ


तुम बिन सुना घर का आँगन
और सूना सूना मेरा मन
हरियाली से बिछड़ गया हो
जैसे कोई उजड़ा सा सावन


कई सुरज को बुलाये पर ये अँधेरा न मिटा
अब समझा तेरे होने से आँगन में रौशनी और रौनक थी


लाख गुलाब लगा लो अपने आंगन में सनम
खुशबू और बहार तो हमारे आने से ही आएगी


दीवारे खिंचती है घर के आंगन मे भी
इंसान कहीं भी समझौता नहीं करता


चूम कर मेरी मुंडेर को
मेरी दर ओ दीवार को जन्नत कर दे


सुना है कि उसने खरीद लिया है करोड़ो का घर शहर में
मगर आँगन दिखाने वो आज भी बच्चों को गाँव लाता है


ऐ चाँद, ठहर कर किसी रात मेरे आंगन में
मेरी रात मुकम्मल कर दे


सूने आँगन की उदासी में इज़ाफ़ा हो गया
चोंच में तिनके लिये जब फ़ाख़्ताये आ गयी


प्यार के आंगन में इश्क की बारिश में कभी भीगे थे हम
जो बुखार चढा कि आज तक उतरने का नाम नहीं लेता


लाख गुलाब लगा लो तुम अपने आँगन में
जीवन में खुश्बू बेटी के आने से ही होगी


तुम्हारे बिना बड़ा सूना पड़ा है मेरा मन
जैसे छोड़ गई हो बेटी बाबुल का आँगन


तुझे तकना, तुझे सुनना, ये मेरा हँसना, व मचल जाना
मेरे ग़म के आँगन में फ़क़त यही दो चार खुशियाँ हैं


रहती है छाँव क्यों मेरे आँगन में थोड़ी देर
इस जुर्म पर पड़ोस का वो पेड़ कट गया


तेरे इश्क़ में भीगने का मन है जालीम
मेरे दिल के आँगन में जारा जम के बरसना तूम