Khamoshi Shayari Images
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूंढ लेती है
बड़ी शातिर है ये दुनिया बहाना ढूंढ लेती है
हकीकत जिद किये बैठी है चकनाचूर करने को
मगर हर आंख फिर सपना सुहाना ढूंढ लेती है
हर खामोशी का मतलब इंकार नहीं होता
हर नाकामयाबी का मतलब हार नहीं होता
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें न पा सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता
रात गम सुम है मगर खामोश नहीं
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहींं
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था
इस शहर में मुझसा कोई आया न था
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था
Shayari On Khamoshi
भीगी आँखों से मुस्कुराने का मजा और है
हँसते हँसते पलके भिगोने का मजा और है
बात कह के तो कोई भी समझ लेता है
खामोशी को कोई समझे तो मजा और है
उसे बेचैन कर जाएंगे हम भी
ख़मोशी से गुज़र जाएंगे हम भी
हमे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है
कि पल भर में बिखर जाएंगे हम भी
उन्हें चाहना हमारी कमजोरी है
उनसे कह नहीं पाना हमारी मजबूरी है
वो क्यों नहीं समझते हमारी खामोशी को
क्या प्यार का इज़हार करना जरूरी है
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है
दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है
कोई सब कुछ कह कर प्यार जताता है
कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है
Khamosh Shayari 2 Line
बोलने से जब अपने रूठ जाए
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं
जब से ये अक्ल जवान हो गयी
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी
खामोशियां जिसे अच्छी लग जाएं
वो फिर बोला नहीं करते
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं
उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं
Shayari For Khamoshi
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं
उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई
जब कोई बाहर से खामोश होता है
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है
मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है
खामोशियों पर शायरी
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया
लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए
ख़ामोश शहर की चीखती रातें
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह
किन लफ्जों में लिखूँ, मैं अपने इन्तजार को तुम्हें
बेजुबां है इश्क़ मेरा, और ढूँढता हैं खामोशी से तुझे
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ
हमारी ख़ामोशी ही हमारी कमजोरी बन गयी
उन्हें कह न पाए दिल के जज़्बात और इस तरह से
उनसे इक दूरी बन गयी
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे
खामोशी शायरी
उसकी सच्चाई जब से हमारे पास आयी
हमारे लबों को तब से ख़ामोशी ही रास आयी
तेरी खामोशी अगर तेरी मजबूरी है
तो रहने दे इश्क कौन सा जरुरी है
उसकी सच्चाई जब से हमारे पास आई
हमारे लबों को तब से ख़ामोशी ही रास आई
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं
दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया
उसे बेचैन कर जाऊँगा मैं भी
ख़मोशी से गुज़र जाऊँगा मैं भी
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना
Hindi Quotes On Silence
मेरी खामोशियों पर भी उठ रहे थे सौ सवाल
दो लफ्ज़ क्या बोले मुझे बेगैरत बना दिया
उसने पढ़े तो ही अल्फाजों ने बोलना शुरू किया
वरना एक अरसे से ये पन्नों में खामोश पड़े थे
राज खोल देते हैं
नाजुक से इशारे अक्सर
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं
जरूरी नहीं कि हर बात लफ़्ज़ों की गुलाम हो
ख़ामोशी भी खुद में इक जुबान होती है
भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है
जुबाँ न भी बोले तो, मुश्किल नहीं
फिक्र तब होती है जब, खामोशी भी बोलना छोड़ दें
हम तो गुम थे किसी की खामोशी में
आपने याद दिलाया तो वो वक़्त याद आया
Khamoshi Shayari In Hindi
हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती
खामोशी की वजह इश्क है
वरना तुझे तमाशा हम भी बना देते
खामोशी जुर्म हैं इस दौर में बोलना सीखो
वरना मिट जाओगे हालात के तुफानो में
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है दोस्त
कानो से नहीं, एक बार दिल से सुनो
मैं खामोशी तेरे मन की
तू अनकहा अलफाज़ मेरा
मैं एक उल्झा लम्हा
तू रूठा हुआ हालात मेरा
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना-पन हो
लेकिन इक आहट जानी-पहचानी होती है
खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से
Khamoshi Par Shayari
मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं
चलो अब जाने भी दो यार क्या करोगे दास्तान सुनकर
खामोशी तुम समझोगे नहीं और बयां हमसे होगा नहीं
खामोशी से गुजरी जा रही है जिन्दगी
ना खुशियों की रौनक ना गमों का कोई शोर
गिला शिकवा ही कर डालो के कुछ वक़्त कट जाए
लबो पे आपके यह खामोशी अच्छी नहीं लगती
एक तेरी खामोशी ही जला देती है इस पागल दिल को
बाकी सब बाते अच्छी है तेरी तस्वीर में
Khamoshi Ki Shayari
तू शोर है मेरा, मैं तेरी ख़ामोशी
कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है
बेजुबां महफिल में शोर होने लगा
ना जाने कौन पढ़ गया खामोशी मेरी
आसान नहीं उस शख्स को समझना
जो जानता सब कुछ हो पर खामोश रहे हर वक़्त
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है
हर जज़्बात कोरे कागज़ पर उतार दिया उसने
वो खामोश भी रहा और सब कुछ कह गया
जहन में कुछ सवाल जिंदगी ने ऐसे भी छोङे हैं
जिनका जवाब हमारे पास सिर्फ 'खामोशी' है
हक़ीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती है
कभी तुम गौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
कुछ कहा भी नहीं और सारी बात हो गयी
उसकी ख़ामोशी ने ही सारी दास्तान कह सुनाई
Khamosh Shayari Status
खामोशी से बनाते रहिये अपनी पहचान
हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम आपका
जब से ये अक्ल जवान हो गयी है जनाब
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी
ये मंजर जो दिख रहा है तेज आंधियों का
इससे पहले यहाँ एक ख़ामोशी भी छाई थी
लोग तो सो लेते हैं जमाने कि चाहेल पहेल में
मुझे तो तेरी खामोशी सोने नहीं देती
दर्द आवाज़ छीन लेता है
ख़ामोशी बेवजह नहीं होती
उसपर तेरी ख़ामोशी, बड़ा बेचैन करती है
अपने खिलाफ बाते खामोशी से सुन लो
यकीन मानो वक्त, बेहतरीन जवाब देगा
शोर तो गुजरे लम्हे किया करते हैं जिंदगी में अक्सर
वो तो आज भी हमारे पास से ख़ामोशी से गुजर जाते हैं
एक उम्र ग़ुज़ारी है हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए
जब वो खामोश होती है तब मुझे
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उनकी आवाज़ लगती है
मेरी खामोशी देखकर मुझसे ये ज़माना बोला
तेरी संज़ीदगी बताती है तुझे हँसने का शौक़ था कभी
क्या कहूँ मैं कहने को शब्द नहीं मिल रहे
चलो आज खामोशी ही महसूस कर लो हामारी
आप ने तस्वीर भेजी मैं ने देखी ग़ौर से
हर अदा अच्छी ख़मोशी की अदा अच्छी नहीं
तुम्हारा होकर भी मेरा न होना
तुम्हारे प्यार में मेरा हर पल खोये रहना
अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे
ये किस तरह की ख़मोशी हर इक सदा में है
चलो अब जाने भी दो
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हम से होगा नहीं
तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओ को
बाकी सारी बातें अच्छी हैं तेरी तश्वीर में
तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है
तो रहने दे इश्क़ कौन सा जरुरी है
ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है
कान लगाकर नहीं, दिल लगाकर सुनो
लोग कहते हैं समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं
अर्से से खामोश हूँ वो बरसों से बेखबर है
बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना
चुप रहो तो पूछता है ख़ैर है
लो ख़मोशी भी शिकायत हो गई
मुझे छूने की ख़्वाहिश कौन करता है
कि पल भर में बिखर जाऊँगा मैं भी
अल्फाज बेहद खुबसूरत होते है
पर खामोशी की तो बात ही अलग है
यूँ तो एक आवाज़ दूँ और बुला लूँ तुम्हें
मगर कोशिश ये है कि खामोशी को भी आज़मा लूँ ज़रा
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
शोर तो दुनिया वालों ने मचाया है हमारे कारनामों का
हमने तो जब भी कुछ किया ख़ामोशी से ही किया है
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में होते होंगे
पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं
दिल की ख़ामोशी पर मत जाओ
राख के नीचे आग दबी होती है
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता
बेचारा दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क समझ बैठा
जुबान न भी बोले तो मुश्किल नहीं
फिक्र तब होती है जब खामोशी भी बोलना छोड़ दें
चाह कर भी इश्क़-ए-इज़हार जो हम कर ना सके
हमारी ख़ामोशी पढ़ लो तुम और क़ुबूल कर लो हमें
तुम्हारे खुश होने के अंदाज से लगता है
कुछ टुटा है बड़ी खामोशी से तेरे अन्दर
इश्क की राहों में जिस दिल ने शोर मचा रखा था
बेवफाई की गलियों से आज वो खामोश निकला
खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं
शोर करते रहो तुम सुर्ख़ियों में आने का
हमारी तो खामोशियाँ भी एक अखबार है
मोहब्बत नहीं थी तो एक बार समझाया तो होता
नादान दिल तेरी खामोशी को इश्क समझ बैठा
हम खुश थे तो लोगों को शक भी न हुआ
जरा सी ख़ामोशी ने हमारी सारे राज खोल दिए
सब फूलों की जुदा कहानी है
खामोशी भी तेरे प्यार की निशानी है
ना कोई ज़ख्म है, फिर भी ऐसा एहसास है
कोई आज भी दिल के पास है
ये तुफान यूँ ही नहीं आया है
इससे पहले इसकी दस्तक भी आई थी
वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था
मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया
अपनी खामोशी में मुझे क्यूँ तलाश रहे है हुजूर
अपनी धड़कनों से पूछो मेरा एक बसेरा वहां भी है
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको
यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है
हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते
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